ठाकरे यांच्यावर भाजपच्या अपयशाचे आरोप किती खरे आहेत ?
देश के महाराष्ट्र राज्य में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही सियासत का दौर भी शुरू हो गया है. जहां उद्धव ठाकरे सरकार पर कोरोना को काबू करने में असफता का आरोप बीजेपी ने लगाया. ऐसे में बीजेपी ने आज यानि शुक्रवार को महाराष्ट्र बचाओ आंदोलन की शुरुआत करेगी. लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा बचाओ आंदोलन करार दिया है.
खरंच, बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ऐलान किया है कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पूरे राज्य में मंत्रियों के आवास के बाहर तख्तियां लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसके साथ ही लोग घरों की छतों पर अपने आंगन में दो गज दूरी बनाते हुए काले कपड़े पहन कर या काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ विरोध करेंगे. फडणवीस ने कहा कि संकट के इस दौर में हम राजनीति नहीं करना चाहते.
वहीं इस बीच सबसे पहले केंद्र सरकार पर सवाल खड़ें होते है. देश में केंद्र शासित राज्य ज्यादा है, लेकिन वहां भी कोरोना को मात नही दी जा सकी है. ऐसे में जब केंद्र शासित राज्य कोरोना के असर को कम नही कर पाएं तो अकेले महाराष्ट्र की सरकार पर आरोप लगाना सरासर गलत होगा. पीएम मोदी जब देश में कोरोना केस के इजाफे को नही रोक सके तो बीजेपी सरकार किसी और पर कैसे इतना बड़ा आरोप लगा सकती है. बल्कि महाराष्ट्र सरकार ने तो इस दौर में ज्यादा से ज्यादा कोरोना टेस्ट कराए, ताकि केस की तफशीश करके इलाज करवाया जा सके. ऐसा करने से कोरोना को फैलने से भी रोका जा सकता है.
हालांकि फडणवीस ने तो महाराष्ट्र सरकार को ही इसका जिम्मेदार ठहरा दिया. जबकि ये कहावत कि जिसके घर शीशे के होते है वे दूसरों के घरों पर पत्थर नही फेंका करते फडणवीस पर एकदम सटीक बैठती है. कोरोना का कहर पूरी दुनिया में फैला है, जिसे बिना वैक्सीन की मदद के रोका नही जा सकता.
बता दें कि फिलहाल मुंबई में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 41,000 के पार हो गई है. गुरुवार को राज्य में 2,345 नए संक्रमित मरीज सामने आए और 24 घंटे के दौरान 64 लोक मरण पावले. लिहाजा ठाकरे सरकार पूरी कोशिशों में जुटी है कि केस को कम किया जा सके.
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