महाराष्ट्र सरकारने काय पडतील ?
महाराष्ट्र में शनिवार को सियासत ने ऐसी करवट ली कि हर कोई दंग रह गया. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी नेता अजित पवार ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राजभवन में दोनों नेताओं को शपथ दिलाई. बदले सियासी घटनाक्रम के बाद राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल मचना जाहिर है. बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में मौजूदा स्थिति के बाद कांग्रेस एनसीपी प्रमुख शरद पवार से नाराज है. सूत्रों ने यह दावा किया है. कांग्रेस का कहना है कि शरद पवार ने शिवसेना के साथ बातचीत में देरी की. कांग्रेस के मुताबिक पवार कहते रहे कि बातचीत के लिए जल्दबाजी दिखाने की जरूरत नहीं है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने कहा पवार ने उन्हें शिवसेना से बातचीत के लिए मुंबई दौरा देर से करने को कहा.

इससे पहले एनसीपी चीफ अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार सुबह आए राजनीतिक भूकंप से उबरने की कोशिश करते हुए कहा कि अजीत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को विधायकों के समर्थन की जो सूची सौंपी है. दरअसल वह विधायकों का उपस्थिति पत्र है. यह कोई पार्टी की ओर से आधिकारिक सूची नहीं थी. शिवसेना के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने पार्टी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक की बात को दोहराते हुए कहा पार्टी की बैठक में उपस्थिति के लिए विधायकों के हस्ताक्षर लिए थे. यही सूची अजित पवार ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन पत्र के रूप में सौंपी है.
पवार ने कहा हमारे पास कुल 169 विधायकों का समर्थन है. इसलिए हम तीनों पार्टियां साथ आए. हमारे पास संख्याबल था और सरकार बनाने वाले थे. राज्यपाल ने जो आज किया उससे आश्चर्य चकित हैं. महाराष्ट्र में बदले राजनीतिक घटनाक्रम पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि अजित पवार को भाजपा का समर्थन करने के लिए ‘ब्लैकमेल’ किया गया. राउत ने कहा अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया. हमें पता है कि यह किसने किया है और इसके पीछे कौन है और यह कैसे हुआ है. हम इसका पर्दाफाश कुछ ही दिनों में करेंगे.

दूसरी ओर एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि बीजेपी और अजित पवार ने महाराष्ट्र में सरकार भले बना ली है. लेकिन वे बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे. मलिक ने कहा यह सरकार धोखे से बनी है और सदन पटल पर यह बहुमत साबित नहीं कर पाएगी. सभी विधायक हमारे साथ हैं. मलिक उस टीम का हिस्सा थे. जिसने न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चर्चा की और राज्य में सरकार बनाने के लिए एनसीपी शिवसेना और कांग्रेस को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. लेकिन कयास लगाये जा रहै है कि बीजेपी सरकार बनने के बाद भी क्या बीजेपी सरकार गिर सकती है बड़ा सवाल है इस तरिके कई खबरें सामने आ रही है. क्यो जिस तरिके 50 50 का फर्मूला .
(आता राष्ट्रीय भारत बातम्याफेसबुक, ट्विटर आणिYouTube आपण कनेक्ट करू शकता.)
मौलाना आझाद आणि त्यांच्या पुण्यतिथीनिमित्त त्यांचे स्मरण
मौलाना अबुल कलाम आझाद, मौलाना आझाद म्हणूनही ओळखले जाते, एक प्रख्यात भारतीय विद्वान होते, फ्रीडो…