गुवाहाटी। असम से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है जहां भारतीय सेना के एक रिटायर्ड मुस्लिम अधिकारी को 30 साल देश की सेवा करने के बाद उसे अपनी नागरिकता साबित करने के लिए नोटिस भेजा गया है. जी हां, असम के रहने वाले मोहम्मद अजमल हक से उनकी भारतीय नागरिकता के सबूत मांगे जा रहे हैं. दरअसल मोहम्मद अजमल हक को बांग्लादेशी नागरिक बता भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए नोटिस भेजा गया है. बता दें कि यह नोटिस मोहम्मद अजमल हक को असम फॉरनर्स ट्रिब्यूनल की ओर से भेजा गया है. इतना ही नहीं, अजमल हक के खिलाफ असम पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, असम पुलिस ने अजमल पर अवैध रूप से भारत में रहने का आरोप लगाया है साथ ही अजमल को बांग्लादेश का अवैध प्रवासी भी बताया है.
क्या कहा अजमल ने ?
वहीं इसे लेकर अजमल का कहना है कि, ”अगर मैं अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हूं तो फिर मैं भारतीय सेना में कैसे अपनी सेवा दी.” अजमल ने आगे कहा कि नोटिस मिलने के बाद वो बहुत दुखी हैं. साथ ही अजमल ने यह भी कहा कि 30 साल देश की सेवा करने का उन्हें यह इनाम मिला है. वो आगे बताते हैं कि उनकी पत्नी को भी इसी तरीके से प्रताड़ित किया गया था. उनकी पत्नी साल 2012 में अपनी नागरिकता साबित कर चुकी हैं. अजमल की पत्नी ने एक अफिडेविट के जरिए कोर्ट में भारतीय नागरिकता साबित की थीं, जिसमें अजमल को उनका पति बताया गया था. बहरहाल अब इस मामले की सुनवाई विदेशी मामलों की ट्रिब्यूनल में 13 अक्टूबर को होगी.
1986 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे अजमल
गौरतलब है कि 30 साल भारतीय सेना में नौकरी करने के बाद मोहम्मद अजमल हक पिछले साल रिटायर हो गए थे. लेकिन उसके बाद से ही उनसे उनकी नागरिकता के सबूत मांगे जा रहे हैं. वहीं मोहम्मद अजमल रिटायरमेंट के बाद परिवार के साथ गुवाहाटी में रह रहे थे. वहीं इस नोटिस के बाद अजमल का पूरा परिवार सकते मे है.