गुजरात में हर दिन जातिगत भेदभाव के नये मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला साबरकांठा जिले के इडार तालुका का है जहाँ ठाकुर समुदाय के आठ युवकों ने जबर्दस्ती एक बहुजन युवक की मूंछ मुड़वा दी और उसके साथ मारपीट की गयी। गोरल गांव में हुई घटना को लेकर साबरकांठा पुलिस ने आठों युवकों के खिलाफ sc st एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
सोशल वर्क में पोस्ट गैजुएशन कर रहे बहुजन युवक की पहचान 23 वर्षीय अल्पेश पांड्या के रूप में हुई, जिसके साथ रौबीली मूंछ के चलते मारपीट हुई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पिछले साल अक्टूबर में दो बहुजन युवकों को भी गुजरात के ही लिंबोदरा और गांधीनगर में मारपीट और भेदभाव का सामना करना पड़ा था।
एफआईआर से मिली जानकारी के मुताबिक अल्पेश अपने दो दोस्तों के साथ बाइक से मंदिर जा रहा था, तभी रास्ते में ठाकुर समुदाय के युवकों ने घेर लिया और गाली देना शुरू कर दिया। लाठी-डंडों और लोहे की छड़ों से लैस युवकों ने उससे कहा कि रौबीली मूंछ रख कर क्या साबित करना चाहता है। इतने में कुछ युवक आगे आए और उसे डंडों से पीटने लगे। पांड्या ने भागने की कोशिश की तो आरोपी युवक उसे पास के एक घर में घसीटकर ले गए जहां उसकी मूंछें रेजर से मूड़ दीं गयीं।
मीडिया को जानकारी देते हुए पांड्या ने कहा, ‘मुझे बेरहमी से पीटा गया और मेरी मूंछ हटा दी गईं क्योंकि मैं बहुजन समाज से हूं।’ पांड्या ने कहा कि मेरी गांव में किसी से कोई दुश्मनी नहीं है और न ही ठाकुर समुदाय के किसी व्यक्ति से कभी झगड़ा किया। उन्होंने बताया, ‘मैं दो साल से मूंछ बढ़ा रहा था लेकिन अब मेरे मूंछ पर ताव देने और चश्मा लगाकर गांव में घूमने से उन्हें दिक्कत होने लगी। मेरे माता-पिता को भी मेरी मूंछ के लिए मारा-पीटा गया था।