Documentary
Legend Birsa Munda के उलगुलान आंदोलन की कहानी, जिसने अंग्रेजों को हिला दिया था
आज धरती के आबा जननायक बिरसा मुंडा की शहादत का दिन (9 June 1900) है | सुगना मुंडा और करमी हातू के पुत्र बिरसा मुंडा का जन्म १५ नवम्बर १८७५ को झारखंड प्रदेश में राँची के उलीहातू गाँव में हुआ था। इनके परंपरागत पहनावे से पता भी नहीं चलता की…
Read More »आज सावित्री बाई फुले का स्मृति दिवस है। आइये इस महान विभूति को नमन करें।
BY_ संजय श्रमण जोठे यह दिन भारत की महिलाओं और विशेष रूप से दलितों, ओबीसी, और आदिवासी, मुसलमान महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।भारत के इतिहास में पहली बार किसी स्त्री ने शुद्रातिशूद्र लड़कियों के लिए स्कूल खोले और उन्हें पढ़ाने के लिए संघर्ष किया। सावित्री बाई जब अपने स्कूल…
Read More »आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का निहितार्थ
भारती की सवर्ण जातियां सोचती हैं कि दलित, आदिवासी और ओबीसी को आरक्षण उनका हक मार कर दिया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि एससी,एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान तथाकथित उच्च जातियों के 100 प्रतिशत आरक्षण को तोड़ने या कम करने के लिए किया गया…
Read More »संत गुरु रविदास का आन्दोलन भक्ति आन्दोलन नहीं, बहुजन समाज के लिए ब्राहमण-वाद से मुक्ति का आन्दोलन था
By- कलावती शंकर ~ संत गुरु रविदास का आन्दोलन भक्ति आन्दोलन नहीं, बल्कि मूलनिवासी बहुजन समाज के लिए ब्राहमण-वाद से मुक्ति का आन्दोलन था जिसे हिन्दी साहित्य मे भक्ति आन्दोलन से जोड़ दिया जाता है, वह वास्तव मे ब्राहमण-वाद,पाखंडवाद और गैर-बराबरी के विरुद्ध विद्रोह था, जिसको संत रविदास, संत कवीर…
Read More »इस खत से महानायिका रमाबाई आंबेडकर का व्यक्तित्व छलकता है
रमाबाई आंबेडकर की जयंती (7 फरवरी) पर उन्हें नमन करते हुए प्रस्तुत है, उनका जीवन-परिचय रमाबाई को डॉ. आंबेडकर प्यार से रामू बुलाते थे . डॉ. आंबेडकर अपनी जीवन-संगिनी रमाबाई आंबेडकर को प्यार से रामू कहकर पुकारते थे और उनकी रामू उन्हें साहेब कहकर बुलाती थीं। दोनों ने 27 वर्षों…
Read More »Least we forget Fatima Sheikh’s contribution to women education
A lesser-known personality in Indian history but she will always be remembered as the first Muslim woman teacher and intersectional educationist of India. She is a liberator of millions of oppressed women. She fought for a casteless society and for modern education of girls. Along with Savitribai Phule, she laid…
Read More »वास्तविक “महिला दिवस शिक्षक दिवस” की शुभकामनाएं
आज सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन है, भारत को सभ्य बनाने वाली एक महान महिला को याद करने का दिन है। सावित्रीबाई फुले वो महिला हैं जिन्होंने ब्राह्मणों के द्वारा कीचड़ और गंदगी फेंके जाने के बावजूद ओबीसी और दलित लड़कियों के लिए स्कूल खोला। सावित्रीबाई वो महिला हैं जो फूल…
Read More »डॉ.अंबेडकर और भारत का भविष्य
By- संजय श्रमण जोठे ~ डॉ. अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर भारत के दलित बहुजनों को अब कुछ गंभीर होकर विचार करना चाहिए. बीते कुछ वर्षों मे भारत की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक पतन से जन्मी दुर्दशा की सघन प्रष्ठभूमि मे हमें अंबेडकर की वैचारिक विरासत और उनके दिखलाये मार्ग…
Read More »Raghuni Ram Shastri – an Embodiment of Political Commitment
The man in picture is Raghuni Ram Shastri, 68, National President, Shoshit Samaj Dal. SSD was founded about fifty years ago. This party was originally Shoshit Dal founded by Jagdeo Prasad, nicknamed Bihar Lenin, legendary martyr for the cause of social justice. Shoshit Dal formed first ever government in Bihar…
Read More »डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म ही क्यों अपनाया?
By–डॉ सिद्धार्थ रामू~ यह प्रश्न अक्सर लोगों की जिज्ञासा का विषय होता है कि आखिर हिंदू धर्म छोड़ने के बाद डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने बौद्ध धम्म ही क्यों अपनाया? इसके बारे में कई तरह के भ्रम हैं. इस संदर्भ में अक्सर यह प्रश्न भी पूछा जाता है कि आखिर उन्होंने हिंदू…
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