Schedules
आप कांशीराम जी को कितना जानते हैं ?
BY- प्रेमकुमार मणि 15 मार्च मशहूर दिवंगत नेता कांशीराम का जन्मदिन है . 1934 में पंजाब प्रान्त के रोपड़ या रूपनगर जिलान्तर्गत खासपुर गांव में आज ही के दिन उनका जन्म हुआ था . अनेक कारणों से कांशीराम जी केलिए मेरे मन में अथाह सम्मान है . उनसे एक छोटी…
Read More »Bahujan activists grieve over the sad demise of Adivasi leader Abhay Flavian Xaxa
Today we lost an incredible person. Abhay Flavian Xaxa, a brother, Adivasi rights activist and organic intellectual whose writings and activism paved a new lens to look at the question of Adivasi rights,land, territory, autonomy, cultural identity and resources. His poem ” I am not your data, I am not…
Read More »भारतीय न्यूजरूम को कैसे जाति ने आकार दिया!
1996 में कुछ समय के लिए एक विदेशी संवाददाता ने पत्रकार BN Uniyal से पूछा कि क्या वह किसी दलित पत्रकार को जानते हैं. दोस्तों और सहकर्मियों से बात करने के बाद Uniyal को कोई भी दलित पत्रकार नहीं मिला. 2017 में 10 से अधिक वर्षों तक एक समान खोज…
Read More »BBC और मीना कोटवाल: बहुजन महिला पत्रकार के जातिगत प्रताड़ना की कहानी, पार्ट-3
मैं और बीबीसी- 3 ट्रेनिंग खत्म हो चुकी थी. दो अक्टूबर को मैं और मेरे साथ जॉइन करने वाले सभी ऑफ़िस पहुंच चुके थे. न्यूज़रूम में ये हमारा पहला दिन था. बीबीसी के लिए ये दिन बहुत ख़ास था क्योंकि इस दिन बीबीसी हिंदी का टीवी बुलेटिन शुरू हो रहा…
Read More »BBC और मीना कोटवाल: बहुजन महिला पत्रकार के जातिगत प्रताड़ना की कहानी, पार्ट-2
मैं और बीबीसी- 2 ऑफ़िस के कुछ दिन ट्रेनिंग में ही बीते. जब तक ट्रेंनिंग थी तब तक तो सब कुछ कितना अच्छा था. ऑफ़िस के कई लोग आकर बताते भी थे कि ये तुम्हारा हनीमून पीरियड है, जिसे बस एंजॉय करो. ऑफ़िशियल ट्रेनिंग में अभी कुछ दिन का समय…
Read More »BBC और मीना कोटवाल: बहुजन महिला पत्रकार के जातिगत प्रताड़ना की कहानी, पार्ट-1
चार सितम्बर, 2017 का दिन यानि बीबीसी में ऑफिस का पहला दिन. रातभर नींद नहीं आई थी, बस सुबह का इंतज़ार था. लग रहा था मानो एक सपना पूरा होने जा रहा है. क्योंकि आज तक घर में तो छोड़ो पूरे परिवार में भी कोई इस तरह बड़े-बड़े ऑफिस में…
Read More »संघ के धुन पर डाक्टरों का नाच देखो बुधनमा
By: Nawal Kishor Kumar राजनीति की परिभाषा क्या केवल यही है कि राज कैसे हासिल की जाय और फिर कैसे राज बनाए रखा जाय? क्या राजनीति में यह शामिल नहीं होता है कि आम इंसान जो कि इस देश का नागरिक है, उसे उसका हक-हुकूक दिये जायें? क्या हुआ बुधनमा?…
Read More »रामराज और आदर्शराज का अंतर समझो बुधनमा
By- Nawal Kishor Kumar आज भोरे-भोरे एतना काहे चवनिया मुस्की मार रहे हो बुधनमा भाई। कोई खास बात है का? आउर दिन तो मुंह से ताड़ी के बास आता रहता है। आप भी न नवल भाई। आप एक नंबर के चालू आदमी हैं। हमको खुश होने का एको गो मौका…
Read More »बुधनमा आज पा रंजीत की बारी
फिल्मी दुनिया खाली फिल्मी नहीं होता है समझे बुधनमा भाई। कुछ लोग होते हैं जो सच कहने का साहस भी दिखाते हैं। का हो गया नवल भाई। आज सुबह-सुबह फिलिम-विलिम की बातें। कोई सिनेमा में रोल मिल गया का। एतना चहक काहे रहे हैं? चहकने वाली बात ही है बुधनमा…
Read More »स्त्री-पुरूष संबंधों के बारे में क्या सोचते थे? फुले, पेरियार और डॉ. आंबेडकर
स्त्री-पुरुष के बीच कैसे रिश्ते हों? इस संदर्भ में भारत में दो अवधारणाएं रही हैं- ब्राह्मणवादी-मनुवादी अवधारणा और दलित-बहुजन अवधारणा। ब्राह्मणवादी-मनुवादी अवधारणा यह मानती है कि स्त्री पूर्णतया पुूरुष के अधीन है। यह ब्राह्मणवादी-मनुवादी विचारधारा तमाम शास्त्रों, पुराणों, रामायण, महाभारत, गीता और वेदों व उनसे जुड़ी कथाओं, उप-कथाओं, अंतर्कथाओं और…
Read More »