Social
With 64 Savarna and 16 Ashraf MLA in Bihar Assembly, Upper Caste are Back in Power After Three Decades
After three decades 80 Upper caste MLA’s found their way in the Bihar Assembly. In this election total 64 Savaran were chosen as MLA’s, Rajput being the dominant caste sends 28 MLA’s followed by Bhumiyar 21, Brahmin, 12 and Kaysth 3.
Read More »AIMIM का चुनाव जीतना सेक्युलर पार्टियों के लिए खतरे की घन्टी
Noorul Hoda बिहार में 243 विधानसभा सीटों के नतीजे सब के सामने हैं. एनडीए पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही हैं. वही महागठबंधन विपक्ष में रहने को मजबूर हैं. जबकि महागठबंधन से राष्ट्रिय जनता दल सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करके बड़ी पार्टी के रूप में उभरी हैं. हालांकि की 2015 की अपेक्षा राजद को 5 सीटों का नुकसान हुआ है. 2015 राजद 80 सीटों पर जीत दर्ज की थी, मगर इस बार 75 सीट ही जीत सकी. हालांकि 5 सीटों के नुकसान के बाद भी बिहार में सबसे ज्यादा राजद को सीट मिली हैं. वही भाजपा 74 सीटों पर जीत दर्ज की तो नीतीश कुमार 43 पर और कांग्रेस 19 पर. हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा फायदा भाजपा, कम्युनिस्ट पार्टी और ओवैसी की AIMIM को हुआ है. अब असल मुद्दे पर आते हैं. बिहार में चुनावी घमासान में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय ओवैसी और सीमांचल की सीट बनी हुई है. सीमांचल में 24 विधानसभा सीट हैं. ज्यादातर सीट मुस्लिम बहुल सीट हैं. जिसमें से ओवैसी ने 5 सीट पर जीत दर्ज की है तो वही महागठबंधन को किशनगंज में 2, पूर्णिया में एक, अररिया में एक और कटिहार में तीन सीटों से ही संतोष करना पड़ा है. अगर एनडीए की बात करें तो किशनगंज में एक भी सीट नहीं मिली है जबकि पूर्णिया, अररिया और कटिहार में क्रमश: चार-चार सीटों पर जीत हासिल की है. बिहार का सीमांचल एरिया हर साल बाढ़ से तबाह होता है और बिहार में सबसे पिछड़ा एरिया भी माना जाता है. वैसे तो आजदी के बाद से इतिहास ही रहा है मुस्लिम एरिया के पिछड़ेपन का जिसमें मुसलामन भी दोषी है और सरकारी तंत्र भी. सीमांचल के बहुत से बच्चें आपको दिल्ली में मिल जायेंगे, जेएनयू, जामिया के छात्र के रूप में. सीमांचल के ज्यादातर बच्चें स्कूल की बजाएं मदरसा के पढ़े होते हैं. खुद इन बच्चों का भी कहना है कि इनके यहाँ शिक्षा का एक मात्र जरिया मदरसा ही है. सरकारी स्कूल हैं लेकिन पढाई नाम मात्र की होती है. डिग्री कॉलेज का भी बुरा हाल है. अच्छी शिक्षा के लिए पटना, दिल्ली या फिर अलीगढ का रुख करते हैं. बिहार में सत्ता बदली मगर सीमांचल की तस्वीर नहीं बदलती है. बाढ़ में हर साल सब कुछ गंवाने वाले लोग हमेशा बदलाव चाहते हैं. मगर क्षेत्रीय पार्टी के उनके प्रतिनिधी सीमांचल को कभी बेहतर सूरत नहीं दे पाएं. इसलिए ऑप्शन ढूढ रहे लोगों ने ओवैसी को चांस दिया है. जबकि ये चांस ओवैसी को लाइफ टाइम के लिए नहीं मिला है. लेकिन ओवैसी के जीत से क्षेत्रीय पार्टियों को भविष्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है. क्योंकि अभी तक इस देश में कोई भी ऐसी मुस्लिम राजनीतिक पार्टी नहीं है जो मुसलामनों का प्रतिनिधत्व करे. मुस्लिम राजनीतिक पर ‘हंस’ पत्रिका के 2003 के अंक में इतिहासकार रिजवान कैसर ने लिखा है कि- आजादी के बाद मौलाना आजाद ने पंडित नेहरू के सामने भारतीय मुसलामनों को पाकिस्तान ना जाने के लिए राजी किया… और नेहरू के सामने ही भारतीय मुसलामनों से कहा था आप इस देश के नागरिक हो आपको यहाँ के संविधान में भरोसा करना होगा और यहाँ का लोकतंत्र में पूरी निष्ठा दिखानी होगी. इसी लेख में लिखा हुआ है कि मौलाना आजाद ने भारतीय मुसलामनों से एक वादा भी कराया था कि भविष्य में वो कोई भी राजनीतिक संगठन नहीं बनायेंगे और भारतीय मुसलमान ने इस बात पर अभी तक अमल करते आएं हैं. तभी तो वो कांग्रेस, राजद, सपा, बासपा को ही वोट देते रहे हैं. अब इसी बात का फायदा ओवैसी उठा सकते हैं और देश में मुस्लिम प्रतिनिधि का अपना सपना पूरा कर सकते हैं. लेकिन इनके इस सपने में ज्यादा नुकसान मुसलामनों का ही होगा. क्योंकि ये बात उन्हें नहीं भूलनी चाहिए की यह देश गांधी, मौलाना आजाद और भगत सिंह की कुर्बानी से मिली है. जो काम भाजपा इस देश में कर रही है धर्म के नाम पर सांप्रदायिकता फैलाने का वही काम ओवैसी बंधु भी करते हैं. मेरा सवाल उन पिछड़े और पढ़े लिखे मुसलमानों से हैं? वो ओवैसी का सपोर्ट क्यों कर रहे हैं. क्या हैदराबाद के ओवैसी जिनके कई स्कूल और अच्छे अच्छे कॉलेज हैं क्या वे पिछड़े मुसलमानों के बच्चों को फ्री एजुकेशन अपने स्कूल- कॉलेज में देंगे? विदेश से वकालत की डिग्री लेकर बैरिष्टर ओवैसी किसी मजलूम मुसलमान के केस की पैरवी करेंगे या बिहार,यूपी दिल्ली के किसी मजलूम मुसलामन की पैरवी कोर्ट में की है? इस सवाल का जवाब तो शायद इनके समर्थक ही दे सकते हैं. आखिर में मैं उन सेक्युलर पार्टियों से भी कहूँगा मुसलामनों पर राजनीतिक करने के बजाएं उनके विकास पर ध्यान दे. अकसर मुस्लिम मुद्दे पर 2014 के बाद से ज्यादातर सेक्युलर पार्टियों ने जुबान पर ताला लगा लिया, जिसका फायद ओवैसी को मिलता रहा है. अगर यही हाल रहा तो मुस्लिम वोट से उन्हें हाथ धोना पड़ेगा. क्योंकि बिहार में ओवैसी के जीत से एक बात साबित हो गयी है कि सेक्युलर पार्टियों का रवैया मुसलमानों के प्रति नहीं बदला तो वो ऑप्शन तलाश लेंगे. यह लेख स्वतंत्र पत्रकार और…
Read More »Reading Bihar Election 2020 Results – What is there for Biharis?
Tejaswi, through his campaign not just influenced the election agenda but stood as a wall between the NDA and its victory.
Read More »Anti-CAA NRC Activist Zainab Siddiqui’s Case | UP Police in Civil Dress Beat up Family Members
The Chief Minister himself has a history of making menacing comments and supervised the ‘Love Jihad’ campaign, an imaginary conspiracy theory to attack Muslims. And now since the Anti-CAA NRC protest yogi government constantly harassing the social activists across the state.
Read More »गृह मंत्री क्यो पीट रहे छाती ?
देश के गृह मंत्री, विदेश मंत्री से लेकर सरकार में मौजूद सभी नेता अपने एक खास पत्रकार की गिरफ्तारी पर छाती पीट-पीट कर रो रहे हैं.. ये सब आज कह रहे हैं “अभिव्यक्ति की आज़ादी की हत्या हो रही है.. ये सब कह रहे हैं की लोकतंत्र को शर्मशार किया…
Read More »Choosing Buddhism Bringing Social and Economic Equality among Bahujan
There are more than 8.4 million Buddhists in India and 87% of them are converts from other religions, mostly Dalits who changed religion to escape Hindu caste oppression. The remaining 13% of Buddhists belong to traditional communities of the north-east and northern Himalayan regions. Today, these converts to Buddhism–also called…
Read More »7 महीनो बाद आज से खुलेगा ये सब , जाने क्या है नियम !
देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है । अभी भी रोज 50 हजार से ज्यादा केस आ रहे है । इसी बीच अनलॉक 5 के कई प्रावधान आज से लागू हो गए हैं. इसी के साथ लंबे इंतजार के बाद देश के सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स, स्विमिंग पूल और…
Read More »ठंड में कितना कहर ढाएगा कोरोना वायरस? कोरोना पर तापमान का असर
कोरोना वायरस के कहर को करीब एक साल होने वाले हैं. औऱ कोरोना अभी भी थमने का नाम नही ले रहा है। गर्मी और मॉनसून तो बीत गया और अब लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ठंडे के दिनों में आखिर कोरोना वायरस का कैसा रूप होगा. हालांकि…
Read More »यूपी में हत्याओं का अंबार, 2 साल में 20 साधुओं की हत्या- कांग्रेस
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में बागपत में साधु का शव मिलने के बाद गोंडा में एक पुजारी को गोली मारे जाने को लेकर यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने दावा किया है कि प्रदेश में पिछले 2 साल में 20 साधुओं की हत्या की हुई…
Read More »World Mental Health Day – Understanding Anxiety through five Simple Questions
Q. What triggers Anxiety ? Well, as per the study conducted by ICMR indian council of Medical Research, about one in seven persons in India suffers from mental disorders of varying severity. The data suggests that the mental disorders like depression and anxiety are the most common disorders affecting 45.7…
Read More »