Social Issues
रचनाकारों के आधार पर जाति का साहित्य,पढ़िये विस्तार से
ये लेख नवल किशोर कुमार द्वारा लिखा गया है “जाति और साहित्य” जिसका विस्तार से वर्णन किया गया है. जाति और साहित्य – क्या किसी खास जाती का साहित्य हो सकता है !! तुम्हारी जाति क्या है पार्टनर? क्या किसी खास जाति का साहित्य हो सकता है? इससे पहले कि…
Read More »हिंदू कोड़ बिल- ब्राह्मणवादी पितृसत्ता के चंगुल से महिलाओं की मुक्ति का बिल।
~~वरिष्ठ पत्रकार- सिद्धार्थ रामू~~ आज ( 5 फरवरी) हिंदू कोड बिल दिवस है- जिसके चलते डॉ. आंबेडकर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। डॉ. आंबेडकर ने हिंदू कोड़ बिल (5 फरवरी 1951) के माध्यम से महिलाओं की मुक्ति और समानता का रास्ता खोलने की कोशिश किया था। उन्होंने ब्राह्मणवादी…
Read More »राकेश टिकैत के आंखों में आंसू देख मिलने आए- बोले संजय राउत
गाजीपुर बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन में मंगलवार को शिवसेना नेता संजय राउत भी शरीक हुए। उनके साथ पार्टी के सांसद अरविंद सावंत भी मौजूद थे। दोनों ने यहां आंदोलन की कमान संभाल रहे भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की। कंधे से कंधा मिलाकर खड़े…
Read More »नारायण गुरु के महान कार्य की नींव पर हुआ केरल भारत में सबसे साक्झार पढ़ा लिखा प्रदेश
आज भारत में सबसे ज्यादा साक्षरता दर वाला राज्य केरल जहाँ सिर्फ महिलाओं की साक्षरता दर राष्ट्रीय महिला साक्षरता दर की तुलना में कहीं अधिक है। जहाँ शिशुओं की मृत्यु दर भारत के और राज्यों की तुलना में सबसे कम है और महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। वहाँ…
Read More »आखिर कब रुकेगा बहुजनों पर अत्याचार !
आखिर कब रुकेगा बहुजनों पर अत्याचारपहले हम मरते हैं, फिर व्यवस्था, फिर जिसे मारा जाता है वो – मो. तौहिद आलम मध्यप्रदेश के गुना में बहुजन समाज के किसान के साथ जो हुआ वह देश में न तो कोई पहली घटना है और न आखिरी। इससे पहले भी बहुजनों के…
Read More »क्यों आक्रोशित है छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज
केंद्र में जब से भाजपा की सरकार आई है, तब से भगवाधारियों के हौसले इस कदर बढ़ गए हैं कि वो अब बहुजन समाज के महापुरुषों का अपमान करने में भी पीछे नहीं रहते। बाबा साहब डॉ अंबेडकर तो उनके निशाने पर रहते ही हैं, पर अब छत्तीसगढ़ में सतनामी…
Read More »देश में जातिवाद की प्रथा क्यों है जारी ?
By_Arvind Shesh कोई गोरा श्रेष्ठतावादी नाजीवादी किसी इंडियन नस्ल में पैदा हुए ‘अय्यर’ को थपड़ियाता, धून देता और जलील करता तो वह ‘अय्यर’ छाती पीटता हुआ सारी दुनिया में चिल्लाता और गाना गाता कि उसके साथ अमेरिका जैसे देश में नस्लवादी बर्ताव हो रहा है! लेकिन अगर वह ‘अय्यर’ अमेरिका…
Read More »रमाबाई सरस्वती के विचारोक्त भाषणों से बंगाल के तथाकथित समाज सुधारक ब्राहम्ण परेशान हो उठे थे
By_Manish Ranjan रमाबाई सरस्वती एक प्रतिष्ठित धर्मांतरित ईसाई थीं। वह लेखिका और कवयित्री, क्रांतिकारी समाज सुधारक , महिला उत्थान की प्रबल समर्थक और लिंगभेदी ब्राह्मणी व्यवस्था की घोर विरोधी थीं।1907 में प्रकाशित ‘ए टेस्टीमोनी’ नामक किताब में रमाबाई लिखतीं हैं, “महिलाओं के प्रति भेदभाव हिंदुवादी दर्शन में आंतरिक रूप से…
Read More »ज्योतिराव फुले और बाल गंगाधर तिलक के बीच कड़ा संघर्ष क्यों ?
By_Sunil yadav ओबीसी वर्ग के ज्योतिराव फुले ((11 अप्रैल 1827, मृत्यु – 28 नवम्बर 1890) और चितपावन ब्राह्मण बाल गंगाधर तिलक(23 जुलाई 1856 – 1 अगस्त 1920)के बीच तीखा संघर्ष क्यों होता रहा ? दोनों के बीच संघर्ष के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे मुद्दा नंबर 1- तिलक का मानना था की…जाति…
Read More »शाहू महाराज का जन्म दिन ईद-दीवाली की तरह मनाओं -डॉ आंबेडकर
छत्रपति शाहू जी की आज जयंति है. छत्रपति शाहू जी महाराज मराठा के भोसले राजवंश के राजा और कोल्हापुर की भारतीय रियासतों के महाराजा थे. उनका जन्म 26 जून 1874 में हुआ था. उन्हें लोकतांत्रिक और सामाजिक सुधारक माना जाता था. इन सबके बीच उच्च वर्गीय लोगों की बहुजनों के…
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