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मनीषा बांगर, एक तअर्रुफ़
1942 में होने वाली कॉन्फ़्रेंस पसमांदा और बहुजन मआशरे के हक़ में बड़ी पहल थी। और इस कॉन्फ़्रेंस में औरतों के हुक़ूक़ के मुतल्लिक़ भी कई मुद्दों पर बात हुई। उस वक़्त काँग्रेस और महात्मा गांधी एक तरफ़ थे और मुख़्तलिफ़ ख़यालात रखते थे। यअनी औरतों के पढ़ने लिखने की…
Read More »منيشا بانگر’ ايک تعرف
۱۹۴۲ ميں ہونے والی کانفرينس پسماندہ اور بہوجن معاشره کے حق ميں ہونے والی بڑی پہل تهی۔ اور اس کانفرينس ميں عورتوں کے حقوق کےمتعلق بهی کئی مدعوں پر بات ہوئی۔ اس وقت کانگريس اور مہاتمہ گاندهی ايک طرف تهے اور مختلف خيالات رکهتے تهے۔ يعنی عورتوں کے…
Read More »मनीषा बांगर, एक तअर्रुफ़
मनीषा बांगर आज के वक़्त में एक जाना माना नाम है जो जाना जाता है अपनी मुख़्तलिफ़ सामाजी ख़िदमात की वजह से और जिस तरह अपना पूरा वक़्त दिया दिया एक ऐसे मआशरे को जिसके हक़ में बोलने वाले गिने चुने लोग ही थे। आज के वक़्त में…
Read More »तबरेज़ अंसारी, भीड़ का शिकार
भारत में भीड़ कितनी बेकाबू हो चुकी है इसके उदाहरण आये दिन देखने को मिलते ही रहते हैं। कभी किसी को धर्म के नाम पर मार दिया जाता है तो किसी को गाय के नाम पर। किसी को मनहूस बता कर मार दिया जाता है तो किसी को चोरी…
Read More »تبريز انصاری’ بهیڑ کا شکار
ہندوستان ميں بهيڑ کتنی بے قابو ہو چکی ہےاسکی مثاليں آۓ دن ديکهنے کو مل جاتی ہيں۔ کبهی کسی کومزہب کے نام پر سرعام مار ديا جاتاہےتوکسی کو قوم کے نام پر۔ کسی کو منحوس یا ڈائن بتا کرمار ديا جاتا ہےتو کسی کو چورکہہ کر مار ديا جاتا…
Read More »कैसे होगा जाति का विनाश? कैसे भारत सभ्य बनेगा?
By- संजय श्रमण जोथे जाति विनाश अगर सवर्णों से अपेक्षित है तो ये व्यर्थ का प्रोजेक्ट है। लेकिन जाति विनाश SC/ST-पिछड़ों से अपेक्षित है तो इस प्रोजेक्ट से बहुत उम्मीद की जा सकती है। जाति विनाश कैसे होगा? इसकी विस्तार से चर्चा करने से पहले दो वक्तव्य याद रखिये। एक…
Read More »मोदी सरकार इस काम को अंजाम दे, तो हो जाएगा देश का हर तपका खुशहाल
By- Siddharth Ramu ~ सभी बुनियादी समस्याओं का समाधान देश के खरबपतियों पर 1 प्रतिशत संपत्ति कर एवं विरासत कर लगा कर किया जा सकता है? क्या आप यह तथ्य जानते हैं? नहीं जानते हैं, तो जरूर जान लीजिए, क्योंकि देश के बहुसंख्यक जनता की जिंदगी से जुड़ा प्रश्न है? यदि…
Read More »आर्टिकल 15 -समता के लिफाफे में गैरबराबरी के विपरीत मजमून के साथ पेश की गई फिल्म
By ~ संजीव चंदन, अर्टिकिल 15 : सदाशयी गांधीवाद , सांगठनिक बहुजन प्रतिरोध का नकार और जाति-उत्पीड़न का कल्पनारहित व्यवसायिक दोहन अर्टिकिल 15 बदनीयत से बनी या लिखी फ़िल्म न भी हो तो भी एक आउटसाइडर की ऐसी सदिच्छा से बनी फ़िल्म है जिसे न अपने टारगेट समाज की समझ…
Read More »कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ बोलने लगे न्यायधीश
By- Rama Shankar Ram ~ न्यायपालिका के अंदर से ही अब जवाबदेही और पारदर्शिता की आवाज उठने लगी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश रंगनाथ पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्यायपालिका में व्याप्त विसंगतियों से अवगत कराया है। उन्होंने कोलेजियम व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया,…
Read More »डॉ मनीषा बांगर एक शानदार समर्पित शख्सियत…
By- Dr. Jayant Chandrapal मुझे नहीं लगता की मनीषाजी की शख्शियत आज किसीके द्वारा दी गई पहचान की मोहताज है… उनके विचार, उनके कार्य, उनके आन्दोलन ने ही उनकी शख्सियत को समाजजीवन में उभारा है. आज सोशल मीडिया के जमाने में लोग जब हवा-हवाई में वाह वाही लूटने की फ़िराक…
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