Human Rights
किसान आंदोलन: पकड़ मजबूत करने के लिए ‘सोशल इंजीनियरिंग’ का सहारा,जाट और बहुजन समाज के लोगों को एक साथ लाने का प्रयास!
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ‘किसान संगठन’ अपने आंदोलन को देशव्यापी बनाने में लगे हैं। कई राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए किसान नेता अब ‘सोशल इंजीनियरिंग’ का सहारा ले रहे हैं। ‘दो धारी’ तलवार का वह गठजोड़ कितना टिक पाएगा, इसका अंदाजा खुद किसान…
Read More »न्यायपालिका में इंसाफ के प्रतिनिधि थे जस्टिस पी बी सावंत -डॉ मनीषा बांगर
भारतीय सामाजिक व्यवस्था के मूल में जातिवादी व्यवस्था है। यह व्यवस्था इतनी ताकतवर है कि बड़े से बड़े ओहदे के बावजूद इसका प्रभाव नहीं जाता। यहां तक कि जज की कुर्सी पर बैठने वाला शख्स भी अपनी जाति और वर्गीय चरित्र को नहीं छोड़ पाता। यही भारतीय न्यायपालिका की सच्चाई…
Read More »कोर्ट में रोई दिशा रवि, दिल्ली पुलिस ने कहा- ‘टूलकिट एडिट किया गया’!
किसान आंदोलन से जुड़ी एक ‘टूलकिट’ के मामले में क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद कई नेताओं और बाकी हस्तियों ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की है. आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने दिशा रवि को टूलकिट का प्रसार करने के आरोप…
Read More »भीमा-कोरेगांव मामले को क्या अब ‘भीमा-कोरेगांव डिजिटल षडयंत्र कांड’ कहा जाना चाहिए?
भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी रोना विल्सन ने बुधवार 10 फरवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी लगाई है और मांग की है कि उनके कंप्यूटर में डॉक्यूमेंट्स को कथित रूप से प्लांट करने के मामले की जांच की जाए. इन्हीं डॉक्यूमेंट्स के आधार पर उनके और दूसरे एक्टिविस्ट्स के…
Read More »दलित एक्टिविस्ट नौदीप कौर की आज सुनवाई, सोशल मीडिया पर उठ रही रिहाई की मांग!
हरियाणा की दलित मजदूर एक्टिविस्ट नौदीप कौर का मामला राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुका है. नौदीप की गिरफ्तारी को पूरे 27 दिन हो चुके है. हालांकि नौदीप की हुई दो बार जमानत को भी खारिज कर दिया गया. जिसकी आज कोर्ट में सुनवाई भी होनी है. लेकिन प्रगतिशील मीडिया…
Read More »मनुवाद के खिलाफ थे पेरियार ललई सिंह यादव !
पेरियार ललई सिंह यादव का जन्म 1 सितम्बर 1911 को गाँव कठारा, जिला कानपुर देहात के एक समाज सुधारक सामान्य कृषक परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम ‘लल्ला’ था, लल्ला से ‘ललई’ हुए। पिता गुज्जू सिंह यादव एक कर्मठ आर्य समाजी थे। इनकी माता का नाम मूलादेवी था।…
Read More »रचनाकारों के आधार पर जाति का साहित्य,पढ़िये विस्तार से
ये लेख नवल किशोर कुमार द्वारा लिखा गया है “जाति और साहित्य” जिसका विस्तार से वर्णन किया गया है. जाति और साहित्य – क्या किसी खास जाती का साहित्य हो सकता है !! तुम्हारी जाति क्या है पार्टनर? क्या किसी खास जाति का साहित्य हो सकता है? इससे पहले कि…
Read More »हिंदू कोड़ बिल- ब्राह्मणवादी पितृसत्ता के चंगुल से महिलाओं की मुक्ति का बिल।
~~वरिष्ठ पत्रकार- सिद्धार्थ रामू~~ आज ( 5 फरवरी) हिंदू कोड बिल दिवस है- जिसके चलते डॉ. आंबेडकर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। डॉ. आंबेडकर ने हिंदू कोड़ बिल (5 फरवरी 1951) के माध्यम से महिलाओं की मुक्ति और समानता का रास्ता खोलने की कोशिश किया था। उन्होंने ब्राह्मणवादी…
Read More »Anti-CAA NRC Activist Zainab Siddiqui’s Case | UP Police in Civil Dress Beat up Family Members
The Chief Minister himself has a history of making menacing comments and supervised the ‘Love Jihad’ campaign, an imaginary conspiracy theory to attack Muslims. And now since the Anti-CAA NRC protest yogi government constantly harassing the social activists across the state.
Read More »बिहार 2020 – राम को मानने वाले कभी ईमानदार नहीं हो सकते – NIN अख़बारनामा
बिहार २०२० – राम को मानने वाले कभी ईमानदार नहीं हो सकते – NIN अख़बारनामा –नवल किशोर कुमार किसी भी देश और उसके समाज को यदि समझना हो तो साहित्य एक बेहतर विकल्प प्रदान करता है। साहित्य के जरिए हम यह जान सकते हैं कि कोई भी समाज सोचता कैसे…
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