बालेश्वर यादवची संपूर्ण कथा !
मनीष रंजन यांनी
बालेश्वर यादव भोजपुरी जगत के पहले सुपरस्टार थे। उनके गाये लोकगीत बहुत ही लोकप्रिय हुए। इनके कई गानों को बॉलीवुड में कॉपी किया गया। उनका जन्म पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपद मऊ के बदनपुर गाँव हुआ था।
बालेश्वर वस्तुतः कवि थे। पूरी तरह निरक्षर बालेश्वर अपने गाए सारे गाने स्वयं लिखे थे। अनपढ़ होने की वजह से वे अपने गानों को लिखना नही, बनाना कहते थे। यानी वे गाने लिखते नही बनाते थे।
वे इतने बड़े कलाकार थे कि भोजपुरी की दुनिया उन्हें पूजती थी, पर वे अपने को हमेशा मजूर ही बताते। उन्होंने देश मे ही नही विदेश तक मे भोजपुरी लोकसंगीत को लोकप्रियता प्रदान कराई। वैसे तो उन्होंने सभी तरह के गाने बनाए पर उनके व्यंग्यात्मक गानों का आज भी कोई जोड़ नही है।
“लकड़ियां बनली साथी सारी जिन्दगनिया ..” आणि “हाथ जोड़ी, पाँव पड़ी गदहा कहेला, ए बोका बाबा हमके बना ल आपन चेला… ” इन दो गानों को सुनने के बाद आप कवि बालेश्वर की गहराई का स्वयं थाह लेंगे .. इनकी लोकप्रियता ने दो दो बार संसद में भी इनको पहुचाया ….
हा लेख मनीष रंजन यांच्या फेसबुक वॉलवरून घेतला आहे.
(आता राष्ट्रीय भारत बातम्या फेसबुक, ट्विटर आणि YouTube आपण कनेक्ट करू शकता.)
यूपी प्रकरणात मनुवादी मीडिया पुन्हा जातिवाद दाखवते!
आप लोगो को याद है कि नहीं पता नहीं लेकिन हमें याद रहता है क्यों की बामन मीडिया के कारनामों…