नई दिल्ली। हरियाणा में गैर शैक्षणिक कार्यों की वजह से प्राथमिक स्कूल के शिक्षक बेहद परेशान है। जिसकी वजह से काफी वक्त से तमाम शिक्षक कैथल जिले में अनिश्चितकालिन प्रदर्शन पर बैठे हैं. लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से कोई गंभीर कार्रवाई न होने की वजह से उन्होंने संविधान दिवस को खट्टर सरकार के खिलाफ काला दिवस मनाने का ऐलान किया है।
काफी वक्त से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे शिक्षक सुरेश द्रविड़ का कहना है, “हमारा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नही है ,बल्कि भारतीय संविधान को लागू करवाना है। हम उन लोगों का सम्मान करते है जो भारतीय संविधान में अपनी आस्था और विश्वास रखते है। इसके बावजूद हम 26 नवंबर को सरकार के खिलाफ काला दिवस मनाकर संविधान के साथ हो रही धोखाधड़ी और दगाबाजी को उजागर करना चाहते है, ताकि जनता जागरूक होकर भारतीय संविधान को सच्चे अर्थों में लागू करवा सके। देश का संविधान सच्चे अर्थों में पूर्ण रूप से लागू न हो पाना ही हमारे लिए खतरा है। हम चाहते हैं कि सभी सरकारें भारतीय संविधान का पालन करें और शिक्षा और स्वास्थ्य की सुरक्षा करें।”
सुरेश द्रविड़ का मानना है कि “देश के सभी बच्चों के साथ न्याय हो ,निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का सबके लिए प्रबंध हो। शिक्षको का संपूर्ण समय अध्ययन व अध्यापन मे बीते। मैं भारतीय संविधान का सम्मान करता हूँ ,भारतीय संविधान से की जा रही धोखेबाजी के विरोध में संविधान के प्रति जागरूक करने के लिए 26 नवंबर को काला दिवस मे शामिल हो रहा हूँ । 26 नवंबर का दिन साथी इसलिए चुना है ताकि संविधान से खिलवाड़ करने वाली सरकार को एहसास कराया जा सके और भारतीय संविधान का सम्मान किया जा सके।”
उन्होंने आगे कहा कि “साथियों कुछ लोग भ्रम में डाल सकते हैं इसलिए स्पष्ट करना चाहूंगा की 26 नवंबर को हम सविधान दिवस मनाते हुए हरियाणा सरकार के खिलाफ काला दिवस मनाएंगे क्योंकि हरियाणा सरकार संविधान विरोधी कार्य कर रही है हरियाणा सरकार मौलिक अधिकारों का हनन भी कर रही है शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगाकर छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाई से वंचित किया जा रहा है।”