आजम खान को जेल और पुलवामा आतंकी को बेल
दिल्ली में हिंसा की खबरों के बीच एक और बड़ी खबर मिली है जिसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. जानकारी के मुताबिक पुलवामा हमले मामले के अभियुक्त को बेल दे दी गई है. ख़बर के आते ही मोदी सरकार के खिलाफ तमाम प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. जिसके बाद फिल्ममेकर और पत्रकार विनोद कापड़ी लिखते हैं कि जिस मोदी ने पूरा चुनाव पुलवामा के नाम पर लड़ा और जीता वो मोदी देश को बताएं कि पुलवामा के आरोपी को जमानत कैसे मिल गई.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने लिखा है कि यह जानकर बेहद हैरानी हो रही है कि पुलवामा मामले के आरोपी को बेल मिल गई है, क्योंकि एनआईए दूसरे कामों में इतना बिजी है कि उनके खिलाफ चार्जशीट तक भी नहीं फाइल कर सकी. यह हमारे शहीदों का अपमान है. जिस सरकार ने इस दुखद हमले का राजनीतिक इस्तेमाल किया, वही शहीदों को न्याय दिलाने के लिए गंभीर नहीं थी, अब यह बात स्पष्ट हो चुकी है.
इस घटना के बाद पीएम मोदी समेत बीजेपी के तमाम नेताओं ने देश के शहीदों के नाम पर जगह-जगह वोट मांगा. लेकिन अब यह खबर आ रही है कि एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तक नहीं फाइल की थी, जिस वजह से उन्हें जमानत मिल गई है. यह सब वोट की राजनिती थी लेकिन अब पुलवामा आंतकी को छोड़ दिया गया है.
जहां एक ओर पुलवामा हमले के आंतकी को रिहाई मिल गई है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी की सरकार ने एक पुराने मामले में आजम खान को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है. इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी की युवा नेता ऋचा सिंह ने कहा है कि आज़म खां पहली बार इमरजेंसी में जेल गये और अब अघोषित आपातकाल में फिर जेल जाना बेहतर समझा पर सरकार के खिलाफ झुके नहीं और न ही संसद में खड़े होकर आँसू बहाये. यह न्यायिक हिरासत नहीं बल्कि साम्प्रदायिक विरासत है. यह प्रतिशोध की राजनीति का ज्वलंत उदाहरण है.
बता दें कि पिछले साल 14 फरवरी को एक धमाका हुआ था जिसने देश को झकझोर कर रख दिया था. इस धमाके में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए. पूरा देश जवानों की शहादत से भावुक और हमले से आक्रोशित था. आतंकियों से उनके बदले की मांग उठने लगी. हमले के खिलाफ पूरा देश और राजनीतिक दल एकजुट थे. एक सुर में पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों को सबक सिखाए जाने की मांग उठी. पूरे विश्व ने इस हमले की निंदा की.
(अब आप नेशनल इंडिया न्यूज़ के साथ फेसबुक, ट्विटरऔर यू-ट्यूबपर जुड़ सकते हैं.)
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…