एक नई सुबह का पैगाम लेकर आया नेशनल इंडिया न्यूज
आएगी इंसाफ की हुक्मरानी
अब न बहेगा ख़ू होकर पानी
उठ रौशनी का लहरा दे परचम
कर दे ये दुनिया पुरानी
एक नई सुबह का पैगाम लेकर आएगा नेशनल इंडिया न्यूज..
नेशनल इंडिया न्यूज 1 मिलियन के मुकाम पर पहुंच गया है डेर सारे फोन कौल्स आ रहे हैं हमें बधाई दे रहे हैं लेकिन इसके हकदार आप लोग खुद हैं जो हमें नियमित रूप से देखते हैं. शुक्रिया तूफानों से भरे इस दौर में हमारी इस छोटी सी किश्ती को आपने ही थामे रखा. मैं किसी औपचारिकता के नाते आप दर्शकों की अहमीयत को रेखांकित नहीं कर रहा हूं. आप वो हैं जो मेरे और नेश्नल इंडिया न्यूज के लिए वक्त निकालते हैं. सुबह शाम हमको देखते हैं. जब मैं छुट्टियों में ग़ायब हो जाता हूं तब आप मुझे ढूंढते हैं. मुझे यह बात चमत्कृत करती है कि एक दर्शक कितना नियमित होता है. वो कभी छुट्टी पर नहीं जाता है. वो मुझे देखना और सुनना चाहता है.
मेरे 3 साल के इस पेशे में मुझे यह बात आपके बीच रहकर समझ आई है कि दर्शक या पाठक होना पत्रकार के होने से भी बड़ी ज़िम्मेदारी का काम है. वह अपना कीमती समय और मेहनत की कमाई का पैसा यूं ही कभी भी और कुछ भी देखने के लिए नहीं लुटा सकता है. उसे गंभीर होना ही होगा. सोचना ही होगा कि जो ख़बर पढ़ रहा है उसमें पत्रकारिता कितनी है, चाटुकारिता कितनी है.
नेशनल इंडिया न्यूज भारत के उन करोड़ों दबे और वंचित लोगों की आवाज है, जिनका सदियों से एक लोकतांत्रिक समाज में जीने का सपना आज भी अधूरा है. यह संघर्षरत भारत है, लेकिन उनका जीवन संघर्ष और उनकी वेदना को मेनस्ट्रीम मीडिया, अखबार और चैनल जगह नहीं देते. अपनी आर्थिक और उच्चवर्णीय सामाजिक संरचना के कारण भारतीय मीडिया इस वंचित बहुसंख्यक आबादी के शत्रु का काम करता है. उच्चवर्णीय मीडिया में जो कुछ तथाकथित प्रगतिशील या दयालु लोग हैं, उनकी एकमात्र भूमिका मेनस्ट्रीम मीडिया के बारे में भ्रम बनाए रखने की है.
नेशनल इंडिया न्यूज को प्रतिदिन धमकी भरे फोन आते हैं कहते हैं हम तुम्हारा चैनल बंद करवा देंगे. इन लोगों की भाषा ऐसी है कि हम पूरा बता नहीं सकते. ऐसी कोई पंक्ति नहीं है कि हम उसे लिख सकें. फोन करते हैं तो दस दस मिनट तक बिना रुके गालियां देते हैं. लेकिन आप लोग हमारी हिम्मत और हौंसला बडाते हैं जिससे कि हम इनका डटकर सामना करते हैं. ऐसे ही अपना प्यार और विश्वास हम पर बनाए रखिए फिर देखिएगा हम वो सब आपको करके दिखाएंगे जो आप चाहते हैं क्योंकि आज के दौर में मुख्यधारा का मीडिया सत्ता का गुलाम बना हुआ है. हमें देखने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया.
~गौरव
रिपोटर (नेशनल इंडिया न्यूज)
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