नेशनल इंडिया न्यूज ( NIN) ने अपने विषयों में समूचे बहुसंख्यक समाज को शामिल किया
यह सूचना हर्षित करने वाली है कि नेशनल इंडिया न्यूज (एनआईएन) यूट्यूब चैनल को सस्क्राइब करनेवालों की संख्या दो मिलियन यानी बीस लाख को पार कर गई है। इस खास उपलब्धि के लिए एनआईएन की पूरी टीम को खूब सारी बधाई।
एनआईएन की संस्थापिका डा. मनीषा बांगर को इस उपलब्धि के लिए खास तौर पर बधाई। वजह यह कि उन्होंने सामाजिक उद्यमिता के क्षेत्र में सारे जोखिम उठाते हुए इसकी शुरुआत तब की जब कोई यह कोई सोचता भी नहीं था कि कोई दलित-बहुजन महिला आगे बढ़कर एक मीडिया संस्थान का संचालन करेगी। लेकिन उन्होंने कर दिखाया है।
डा. बांगर की इच्छाशक्ति व देश के बहुसंख्यक समाज के प्रति प्रतिबद्धता ही रही कि उन्होंने विषमतम परिस्थितियों का सामना करते हुए ऐसा किया है। वह स्वयं हैदराबाद में एक चिकित्सक हैं और उनकी जिम्मेदारियों में उनका अपना परिवार और उनके मरीज शामिल हैं। इसके बावजूद दिल्ली से एक मीडिया संस्थान का संचालन उनकी जीवटता का परिचायक है।
इन सबसे अलग मेरी नजर में एनआईएन का महत्व और भी बढ़ जाता है जब दलित-बहुजन समाज अपनी-अपनी सीमाओं में बंधा है। कहने को तो अनेकानेक यूट्यूब चैनल हैं लेकिन वे किसी न किसी खास जाति अथवा राजनीतिक दल से प्रभावित हैं। मुझे खुशी होती है कि एनआईएन ने अपने विषयों में समूचे बहुसंख्यक समाज को शामिल किया। इसे अलग से रेखांकित किए जाने की आवश्यकता है।
एकबार फिर मैं अपनी ओर से एनआईएन की पूरी टीम को बधाई देता हूं।
नवल किशोर कुमार
हिंदी संपादक, फारवर्ड प्रेस, नई दिल्ली
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…