जानिए प्रधानमंत्री की “उड़ान सेवा” का सबसे ज्यादा लाभ किसको मिलेगा
उड़े देश का आम आदमी. यही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उड़ान सेवा का उद्देश्य. यानी आम आदमी को वो सुविधा उस दर पर दी जाए, जिस पर अभी तक सिर्फ वीआईपी का एकाधिकार रहता था. सरकार की पहल से देश में एक घंटे की हवाई यात्रा अथवा 500 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए हवाई टिकट का अधिकतम किराया 2500 रुपये तय किया गया है. केन्द्र सरकार की इस उड़ान सेवा से कोशिश आम आदमी तक हवाई सेवा पहुंचाने की है. अभी तक आम आदमी इतने ही रुपये खर्च कर ट्रेन अथवा हाईवे पर 8-10 घंटे में यह सफर करता था. अब उसे महज 30 मिनट से लेक र 2 घंटे का समय इस उड़ान सेवा से यात्रा करने में लगेगा. सरकार की कोशिश छोटे विमान अथवा हेलिकॉप्टर का सहारा लेकर इस सेवा का पूरे देश में विस्तार करने की है. अभी तक देश में इतनी सस्ती दरों पर ऐसी यात्रा सिर्फ सांसद, विधायक, बड़े अधिकारी और कॉरपोरेट जगत किया करता था. अब उड़ान सेवा से आम आदमी भी वीआईपी बन गया है और वह भी सस्ते दर पर कम समय में लंबी यात्रा कर सकेगा. इस उड़ान सेवा का एक बड़ा फायदा देश में छोटे कारोबारियों को मिलेगा. बिजनेस से संबंधित यात्रा करने के लिए अभीतक छोटे कारोबारियों को रेल अथवा हाईवे का सहारा लेना पड़ता था. साथ ही उन्हें अपने स्टाफ की यात्रा पर भी अतिरिक्त खर्च करना पड़ता था. खास बात यह है कि 500 या उससे अधिक किलोमीटर की यात्रा करने में छोटे कारोबारी का एक पूरा वर्किंग डे यात्रा में निकल जाता था जिसका प्रभाव उनके बिजनेस पर पड़ता था. अब इस सेवा की मदद से वह कम से कम समय गंवाए इतना लंबा एक ही दिन में पूरा करके अपने ऑफिस पहुंच सकता है. इस सेवा का फायदा मेडिकल सेक्टर को मिलने के साथ-साथ उन परिवारों को भी मिलेगा जिनका कोई करीबी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में हो. इस सेवा से कम से कम समय में और बिना समय गंवाए किसी मरीज को देश के किसी कोने से बड़े शहर लाया जा सकेगा. देश में टूरिज्म को बढ़ावा देने में भी यह उड़ान सेवा बेहद फायदमंद रहेगी. ट्रैवल एजेंसियों को भी अब अपने ग्राहकों के लिए 3-4 दिन का पैकेज टूर बनाने में आसानी होगी. वह टैवल कॉस्ट में बचत के साथ-साथ ग्राहकों को आपपास के कुछ और डेस्टिनेशन पर घुमा सकेगा. इस उड़ान सेवा का सबसे अहम पक्ष कोराबारी है. केन्द्र सरकार की कोशिश देश के 73 हवाई अड्डों को कनेक्ट करने की है. इन 73 हवाई अड्डों में आधा से ज्यादा एयरपोर्ट ठप्प पड़े हैं. लिहाजा सेवा को सुचारू रूप से चलाने के लिए बड़े स्तर पर इंफ्रा डेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगा. इन सभी एयरपोर्ट के संचालन के लिए बाकी स्टाफ की बड़ी संख्या में भर्ती की जाएगी. साथ ही इस स्कीम को दौड़ाने के लिए केन्द्र सरकार की कोशिश देश में मैन्यूफैक्चर्ड हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर के जरिए होगी.
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