राष्ट्रीय नेता अब्दुल कयूम अंसारी की जयंती पर श्रद्धांजलि
अब्दुल अंसारी जिन्ना के खिलाफ अपनी राजनीति और मुस्लिम लीग को लेकर लंबे समय तक डटकर खड़े रहे थे, हर मामलों के शीर्ष पर अशरफ के साथ कुलीन मुसलमानों का एक निकाय या समुदाय था. क्योंकि उस समय कांग्रेस गैर मुसलमानों की बॉडी थी जिसमें सबसे शीर्ष पर ब्राह्मण और बनिया थे.
वहीं इन सबके तहत अब्दुल कय्यूम अंसारी ने सबसे विकट चुनौती पेश की, जो मोमिन सम्मेलन अथार्त आंदोलन और बाद में पसमुंडा आंदोलन का जन्म बिंदु साबित हुई. इस दौरान अब्दुल अंसारी ने कई चुनौतियां पार की और बहुजनों के लिए आदर्श बनते गए.
बहुजन आइकन अब्दुल अंसारी के पसमुंडा आंदोलन के कारण आज हर बहुजन प्रेरणा लेते हुए आगे बढ रहा है. इसके साथ ही अब्दुल कय्यूम अंसारी की जयंती को मासावत दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.
अब्दुल अंसारी की जयंति पर बहुजनों के प्रति समर्पित डॉ मनीषा बांगर ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि बहुजन आइकन और राष्ट्रीय नेता अब्दुल अंसारी जी से हम प्रेरणा लेते है और उनके शुक्रगुजार है.
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