भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से बहुजन पुलिस इंस्पेक्टर ने तंग आकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. अमर सिंह नाम के सब इंस्पेक्टर ने कहा है कि वह मरना चाहता है. उन्हे मरने के लिए इजाजत दी जाए जिसके लिए उन्होने पम्पलेट भी छपवाया है. असल में अमर सिंह को उनके अपने ही पुलिस विभाग द्वारा साल 2006 से परेशान किया जा रहा है, जिससे तंग होकर उन्होंने देश के राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगी है.
6 दिसंबर 2006 में अमर सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा, जिसके बाद पुलिस महकमें ने दो दिन बाद ही 8 दिसंबर को उन्हें सस्पेंड कर दिया. 6 महीने बाद ही जून 2007 में अमर सिंह को फिर बहाल कर दिया गया. मामला चूंकि भ्रष्टाचार से जुड़ा था इसलिए मामला अदालत में चलता रहा. अदालत ने भी 12 अगस्त 2014 को अमर सिंह को दोषमुक्त कर दिया. लेकिन दोषमुक्त होने के बावजूद उन्हें निलंबन के दौरान की 8 महीने की सैलरी नहीं मिली.
अमर सिंह का आरोप है कि उन्हें प्रमोशन तो मिल गया है लेकिन पिछले आठ महीने के वेतन को लेकर हाईकोर्ट में भोपाल पुलिस की तरफ से जवाब पेश नहीं किया जा रहा है. इससे इस मामले में अदालत कोई भी निर्णय नहीं ले पा रही है जिससे तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया है.