Home International अमेरिका में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम से नाराज बहुजन,किया विरोध!
International - International - Social - September 22, 2019

अमेरिका में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम से नाराज बहुजन,किया विरोध!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिका के ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में हज़ारों भारतीयों को संबोधित करेंगे.वहीं कार्यक्रम ह्यूस्टन के NRG स्टेडियम में होगा.कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद रहेंगे.वहीं भारतीय समयानुसार रात साढ़े 8 बजे इसकी शुरुआत होगी.

इतना ही नहीं इस कार्यक्रम में 50 हजार भारतीय भी शामील होंगे.आपको बता दे कि पीएम मोदी अमेरिका के 7 दिन के दौरे पर हैं.इसके बाद पीएम अलग-अलग समुदाय के लोगों से मिल रहे है.लेकिन सवाल इस बात का है कि आज जब पीएम मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मंच साझा करेंगे तो उससे भारत को क्या मिलने वाला है या सिर्फ ‘मोदी इवेंट’ भर है.

भारतीय बहुजन यही नहीं रूके उन्होंने कई मुद्दो का ज़िक्र करते हुए मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराया.साथ ही उन लोगों का कहना है कि शहर की भागीदारी बिल्कुल चरम पर है पिछले महीने, एक सफेद वर्चस्ववादी आतंकवादी ने टेक्सास के एल पासो में 22 लोगों की हत्या कर दी थी. 51 लोगों की हत्या से प्रेरित था.

दरअसल, ब्रेविक ने भारत में आरएसएस की ओर इशारा किया उन्होंने आरएसएस के “दक्षिणपंथी हिंदू राष्ट्रवाद” की प्रशंसा की और भारत को “एक राष्ट्र” बनाने के अपने लक्ष्य की.उन्होंने आरएसएस की प्रशंसा की कि कैसे “वे सड़कों पर हावी हैं.और अक्सर दंगा करते हैं और मुसलमानों पर हमला करते हैं” उन्होंने कहा कि श्वेत वर्चस्ववादियों और आरएसएस के लक्ष्य “समान” हैं और उन्हें “एक-दूसरे से सीखना चाहिए और जितना संभव हो उतना सहयोग करना चाहिए.”

आरएसएस एक फासीवादी अर्धसैनिक है जो 1925 में उसी वर्ष आधारित था जब हिटलर ने मेइन काम्फ को प्रकाशित किया था. आरएसएस नाजियों से प्रेरणा लेकर विकसित हुआ. और इसने 2002 में नरेंद्र मोदी का उत्पादन किया, मोदी ने आरएसएस की 2 हजार मुसलमानों के नरसंहार के रूप में अध्यक्षता की. वे महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार करते हैं, लोगों को मार डाला जाता है, लोगों को जला दिया जाता है.लेकिन भारत के प्रधानमंत्री को कोई फिक्र नहीं.

साथ ही उन्होंने कहा कि इसी वजह से मोदी के 10 साल के लिए अमेरिका में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.आज, मोदी के लोहे के शासन के तहत, ईसाई, दलित, मुस्लिम, सिख और हर हिंदू जो आरएसएस के घृणा, हिंसा और वर्चस्व से असहमत हैं, उनके जीवन से डरता है.मोदी के हाथ खून से सने हैं.जो लोग उसके स्वागत में हाथ हिलाते हैं, वे उसके अपराधों की जटिलता में अपने हाथ नहीं धो सकते हैं. बिशप डेसमंड टूटू ने एक बार कहा था, “यदि आप अन्याय की स्थितियों में शामिल हैं,तो आप उत्पीड़क के समर्थन में अपनी आवाज उठाएं? “हाउडी, मोदी,” के बजाय ह्यूस्टन शहर कहा जाय तो बेहतर होगा. 

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