आरक्षण को खत्म करने की फिराक में मोदी सरकार !
नवी दिल्ली. केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार की नजर आरक्षण पर है ! आरक्षण को सीधे तौर पर न खत्म करके धीरे-धीरे अप्रत्यक्ष रुप से इसको खत्म करने की सियासत चल रही है! देश की जनता को गाय, राम मंदिर और तीन तलाक जैसे मुद्दों में उलाझाकर उसका ध्यान वाजिब मुद्दों से भटकाया जा रहा है। लेकिन देश की भोली-भाली जनता खासतौर पर ओबीसी वर्ग इनकी सियासत से बिल्कुल अनजान बना हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा निकाली जा रही सरकारी भर्तियों में इसका नमूना देखा जा सकता है, कि किस तरह से केंद्र सरकार आरक्षण को खत्म करने की फिराक में हैं।
कैसे खत्म किया जा रहा है आरक्षण ?
होम मिनिस्ट्री में इंटेलिजेंस ब्यूरो में वेकेंसी निकली है.
उसमें 1300 पासून 951 सीटें सामान्य को या अप्रत्यक्ष रूप से सवर्णों को दे दी गईं हैं।
यानि 76 प्रतिशत सीटें सामान्य या सवर्णों के लिए आरक्षित कर दी गई हैं।
183 सीट OBC
109 सीटे SC
56 सीटें ST को दी गई हैं.
जबकि आरक्षण के हिसाब से-
OBC को 351,
SC को 195
ST को 97 सीटें मिलनी चाहिए थीं।
कुल मिलाकर ओबीसी-एससी-एसटी को 49.5 प्रतिशत की जगह सिर्फ 24 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।
इस बारे में दिल्ली सरकारमधील मंत्री राजेंद्र पाल गौतम लिखते हैं कि-
हर मंत्रालय और विभाग में यही खेल चल रहा है. हर साल नौकरियों की चोरी करके उन्हें सवर्णों को सौंपा जा रहा है. आप SC, अनुसूचित जमाती, OBC की 85% आबादी को कुल मिलाकर सिर्फ 27% आरक्षण दे रहे हैं. न्यूनतम 49.5% आरक्षण का उनका संवैधानिक हक है.
इससे कम आरक्षण देना इंदिरा साहनी केस में संविधान पीठ के फैसले का सीधा उल्लंघन है. कायदे से बैकलॉग को देखते हुए SC, अनुसूचित जमाती, OBC को 49.5% से ज्यादा आरक्षण मिलना चाहिए. उनके लिए स्पेशल रिक्रूटमेंट ड्राइव चलनी चााहिए. लेकिन आपने तो उनका वाजिब, संवैधानिक हक भी मार लिया.
हमें मालूम है कि आप यह कर पा रहे हैं क्योंकि वंचित जातियां, खासकर OBC जातियां सोई हुई हैं. लेकिन कभी तो यह नींद टूटेगी.
तब आपके इन कुकर्मों का हिसाब होगा.
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