कर्नाटक में गिरी कुमारस्वामी सरकार, मायावती ने की बड़ी कार्रवाई!
By: Susheel Kumar
कर्नाटक में करीब 15 दिनों से चल रहा सियासी नाटक अब खत्म हो गया। सूबे में कांग्रेस-जेडीएस और बसपा के गठबंधन से बनीं सरकार गिर गई। तत्कालीन सीएम एचडी कुमारस्वामी विधानसभा में अपना विश्वास मत हासिल करने में नकाम रहे। विधानसभा में वोटिंग के दौरान कुल 204 विधायक मौजूद रहे। 225 सदस्यीय कनार्टक विधानसभा में विश्वास मत के लिए 20 विधायक सदन में उपस्थित नहीं हुए। विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार ने विश्वास मत के बाद सदन के सदस्यों को बताया कि मुख्यमंत्री एच. डी. कुमार स्वामी विश्वास मत हासिल नहीं कर सके। उन्होंने बताया कि विश्वास मत के पक्ष में 99 जबकि इसके खिलाफ 105 वोट पड़े हैं। और इस तरह कुमारस्वामी ने बहुतम खो दिया।
विश्वासमत हासिल करने में नाकाम रहने के तुरंत बाद जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी राजभवन पहुंचे और राज्यपाल वजुभाई वाला को अपना इस्तीफा सौंपा. इस बीच बीजेपी ने सरकार बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी है।
कर्नाटक में गठबंधन सरकार गिरने पर कांग्रेस के संगठन महासचिव और कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कर्नाटक में सरकार गिराने के आरोप में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस देश भर में प्रदर्शन करेगी. केंद्र सरकार, राज्यपाल, महाराष्ट्र सरकार और बीजेपी नेतृत्व ने मिल कर कर्नाटक में सरकार गिराई. बीजेपी ने बागी विधायकों को कालाधन दिया और मंत्री पद का लालच दिया.
वहीं कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधा है, उन्होंने कहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बनने के बाद पहले दिन से निहित स्वार्थों के चलते निशाना बनाया गया. उनका लालच आज जीत गया. लोकतंत्र, ईमानदारी और कर्नाटक के लोग हार गए।
कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद बीजेपी ने कहा कि यह कर्मों का खेल है. कर्नाटक बीजेपी ने ट्विटर पर लिखा, ”ये कर्नाटक के लोगों की जीत है. ये एक भ्रष्ट और अपवित्र गठबंधन के युग का अंत है. हम कर्नाटक के लोगों को एक स्थिर और सशक्त शासन का वादा करते हैं. साथ मिलकर हम कर्नाटक को दोबारा समृद्ध बनाएंगे.”
वहीं कर्नाटक में इकलौते बीएसपी के विधायक जो कुमारस्वामी सरकार में मंत्री भी थे, बसपा सुप्रीमों के निर्देश के बावजूद विधानसभा से अनुपस्थित रहने की वजह से मायावती ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया है। बसपा सुप्रीमों मायावती ने एक ट्वीट करके यह जानकारी दी है, उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के समर्थन में वोट देने के पार्टी हाईकमान के निर्देश का उल्लंघन करके बीएसपी विधायक एन महेश आज विश्वास मत में अनुपस्थित रहे जो अनुशासनहीनता है जिसे पार्टी ने अति गंभीरता से लिया है और इसलिए श्री महेश को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
बहराल कर्नाटक में चाहे जैसे भी हुआ हो लेकिन पिछले लंबे वक्त से जो बीजेपी सत्ता पर काबिज होना चाहती थी वो अपने मिशन में सफल हो गई। यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिस वक्त कर्नाटक में विधानसभा चुनाव खत्म हुए थे और गठबंधन की सरकार बनने जा रही थी उस वक्त भी बीजेपी ने काफी जोर लगाया था कि गठबंधन की सरकार न बन सकें और यहां तक बीजेपी नेता येदुरप्पा को सीएम पद की शपथ तक दिला दी थी लेकिन बाद में बहुमत हासिल न होने की वजह से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। और इसकी वजह से बीजेपी की बहुत किरकिरी भी हुई थी। लेकिन अब बीजेपी इसमें सफल हो गई. और इस तरह एक और राज्य पर बीजेपी अपना कब्जा जमा लेगी। सवाल यह है कि क्या जनता द्वारा चुनी गई सरकार को इस तरह गिराना, लोकतंत्र पर फासीज्म की हावी होती तस्वीर है यह?
-सुशील कुमार
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