Home Social कहे थे गांव-गांव श्मशान बनाने को, अस्पताल को ही श्मशान बना गए
Social - State - Uttar Pradesh & Uttarakhand - August 12, 2017

कहे थे गांव-गांव श्मशान बनाने को, अस्पताल को ही श्मशान बना गए

गोरखपुर। इस वक्त देश की सबसे बड़ी खबर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की ही चल रही है. जी हां योगी के गढ़ गोरखपुर में पिछले 48 घंटे में 30 बच्चों की मौत हो गई है. ये घटना गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज की है. बता दें कि एन्सेफ्लाईटिस वार्ड में ऑक्सीजन की सप्लाई ठप होने से इन बच्चों की मौत हुई है. एन्सेफ्लाईटिस एक ऐसी बीमारी है जो ज्यादातर 0-3 साल तक के बच्चों को अपना शिकार बनाती है. गौरतलब है कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 2005 से 2013 तक करीब पांच हजार बच्चों की मौत हो चुकी है. यह आंकड़ा सिर्फ गोरखपुर मेडिकल कॉलेज का है. जबकि यहां के आसपास निजी अस्पतालों में होने वाली मौतों को मिलाकर यह गिनती और भी भयावह है.

वहीं इस घटना के बाद सोशल मीडिया में कोहराम मचा हुआ है. लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. सोशल मीडिया में लोग पीएम मोदी और सीएम योगी पर जमकर निशाना साध रहे हैं.

शहनवाज मलिक अपने फेसबुक पन्ने पर लिखते हैं भविष्य में किसी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई रोके जाने पर वहां तत्काल दो-चार दर्जन गायों को छोड़ दिया जाए.

सत्येंद्र सत्यार्थी अपने फेसबुक पन्ने पर लिखते हैं सारे पैसे MLA खरीदने में खर्च हो गए, ऑक्सीजन कैसे खरीदे बे?

आमरा फारूकी अपने फेसबुक पन्ने पर लिखती हैं पाकिस्तान मे स्कूल में बच्चों पर गोली चलाने वाले और यहां बिना ऑक्सीजन के तड़पा के मारने वाले लोगों मे क्या अन्तर है.

कौशलेन्द्र प्रताप सिंह अपने फेसबुक पन्ने पर लिखते हैं नीतीश जी के इस्तीफे पर 2 मिनट के अंदर ट्वीट करने वाले हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने 30 बच्चों की सामूहिक हत्या पर अभी तक ट्वीट नही किया.

वहीं वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल अपने फेसबुक पन्ने पर लिखते हैं अपनी आंखों के सामने बच्चे का बिना ऑक्सीजन के तड़पकर मर जाना. बच्चे ने क्या कहा होगा? कह भी पाया होगा या नहीं? माता-पिता कैसी लाचारगी महसूस कर रहे होंगे? डॉक्टर कितने लाचार होंगे? वे माता-पिता से क्या कह रहे होंगे? नर्सों का दिल कैसे रो रहा होगा?

बच्चों की मुंदती आंखें जब सवाल पूछती होंगी, तो नर्सें उनसे क्या कहती होंगी? उफ! और यह सब इसलिए हो गया कि साठ लाख रुपए यूपी सरकार ने ऑक्सीजन कंपनी को नहीं चुकाए?

ऑक्सीजन की कमी से शरीर और खासकर दिमाग पर बेहद बुरा असर पड़ता है. कामना कीजिए कि तस्वीर में नजर आ रहा बच्चा स्वस्थ होकर गोरखपुर के उस अस्पताल से बाहर निकले.

गंगादीन लोहार अपने फेसबुक पन्ने पर लिखते हैं कोई गाय तो नहीं मरी न?

राजप्रधान यादव अपने फेसबुक पन्ने पर लिखते हैं कहे थे गांव-गांव श्मशान बनाने को, अस्पताल को ही श्मशान बना गए.

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