क्या कभी दिल्ली पुलिस ऐसी बहादुरी चोर-गुंडों को पकड़ने में दिखाती है ?
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से गायब हुए छात्र नजीब अहमद केस की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को जमकर फटकार लगाई है. दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने नजीब अहमद का पता लगाने के मामले में ढिलाई बरतने के लिए सीबीआई की जमकर खिंचाई की है. कोर्ट ने कहा कि, ‘इस मामले में सीबीआई की दिलचस्पी ही नहीं है.’
सोमवार को हुई सुनवाई में सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में इस पूरे मामले पर स्टेटस रिपोर्ट दी है. स्टेटस रिपोर्ट को देखने के बाद जस्टिस जी एस सिस्तानी और जस्टिस चंद्रशेखर की बेंच ने सीबीआई से कहा कि आप इससे कहीं बेहतर स्टेटस रिपोर्ट सबमिट कर सकते थे. बता दें कि हाईकोर्ट ने 16 मई 2017 को नजीब मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी.
वहीं इस दौरान नजीब की मां फ़ातिमा नफ़ीस ने कई बार प्रदर्शन किए हैं. इसी सिलसिले में वो सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट भी पहुंची थीं. मगर हाई कोर्ट के बाहर दिल्ली पुलिस ने नजीब की मां फातिमा नफीस के साथ जो कुछ भी किया वो वाकई में शर्मनाक है. दिल्ली पुलिस पर सोशल मीडिया में भी लोगों का गुस्सा जमकर फूटा है.
नुरूल होदा फेसबुक पर लिखते हैं, ”दिल्ली पुलिस का यही काम बचा हुआ हैं. चोर नेताओं की रक्षा करना और अपने बेटे के लिए गुहार लगा रही नजीब की मां फातिमा और जेएनयू की छात्राओं को घसीटना. इसी कटघरे में सीबीआई भी हैं,पिछले 5 माह से नजीब के बारे में पता भी नहीं लगा पाई. भारत में ऐसी जांच एजेंसीयों के भरोसे आम पब्लिक की जिन्दगी. एसी में बैठ कर मोटी तनख्वाह के आलावा और क्या क्या आता है? भारत के सीबीआई को.”
किरण पटनायक फेसबुक पर लिखते हैं, ”एक साल से रोती नजीब की माँ पर दिल्ली पुलिस की बेरहमी, बीच सड़क पर घसीटकर जीप में बैठाया.”
शहनवाज मलिक फेसबुक पर लिखते हैं, “दिल्ली पुलिस डाउन डाउन.”
गौरतलब है कि जेएनयू के माही-मांडवी हॉस्टल से 15 अक्टूबर 2016 को नजीब का एबीवीपी छात्रों के साथ झड़प हुआ था. जिसके बाद से ही नजीब कैंपस से लापता हैं. वहीं नजीब का पता बताने पर दिल्ली पुलिस ने इनाम भी घोषित किया है. नजीब का पता बताने वाले के लिए पुलिस ने इनामी राशि 10 लाख रूपए रखा है. बावजूद इसके नजीब का एक साल बाद भी कोई सुराग नहीं लगा है.
बहरहाल मुनव्वर राणा साहब का ये शेर याद आ गया…
सुना था कि बेहद सुनहरी है दिल्ली
समंदर सी खामोश गहरी है दिल्ली
मगर एक मां की सदा सुन न पाए
तो लगता है गूंगी है बहरी है दिल्ली
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…