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Bihar & Jharkhand - Social - State - August 11, 2017

झारखंड : गांधी के विचारों का इस्तेमाल अब दंगे के लिए

रांची। धर्म परिवर्तन के मसले पर दंगाई माहौल तैयार करने के लिए जैसा इस्तेमाल झारखंड सरकार ने विज्ञापन में गांधी जी के विचारों को छापकर किया है, उसे देख आप कह सकते हैं कि भाजपा ने पहला धर्म परिवर्तन गांधी का किया है. फिलहाल गांधी के विचारों के साथ भाजपा यही कर रही है. अब भाजपा गांधी के विचारों का इस्तेमाल कर झारखंड और देश के दूसरे आदिवासी क्षेत्रों में फसाद करने की तैयारी में है. झारखंड की रघुबर दास सरकार ने राज्य के सभी प्रमुख अखबारों को एक विज्ञापन जारी किया है जिसमें मुख्यमंत्री रघुबरदास की फोटो के साथ गांधी जी के विचार लिखे गए हैं. ऊपरी तौर पर देखने से विचारों को देख ऐसा लगता है कि मानो गांधी के इस विचार से भाजपा कोई संदेश देना चाहती है, पर देश के मौजूदा हालात के मद्देनजर गांधी द्वारा लगभग 70—75 साल पहले कही गई बात का आज इस्तेमाल किया जाना गहरे संदेह पैदा करता है. क्योंकि इस पूरे विज्ञापन का आज कोई संदर्भ नहीं है.

यह छपा है विज्ञापन में

विज्ञापन में लिखा गया है कि, ‘यदि ईसाई मिशनरी समझते हैं कि ईसाई धर्म में धर्मांतरण से ही मनुष्य का आध्यात्मिक उद्धार संभव है तो आप यह काम मुझसे या महादेव देसाई (गांधीजी के निजी सचिव) से क्यों नहीं शुरू करते. क्यों इन भोले—भाले, अबोध, अज्ञानी, गरीब और वनवासियों के धर्मांतरण पर जोर देते हो. ये बेचारे तो ईसा और मोहम्मद में भेद नहीं कर सकते और न आपके धर्मोपदेश को समझने की पात्रता रखते हैं. वे तो गाय के समान मूक और सरल हैं. जिन भोले—भाले, अनपढ़ दलितों और वनवासियों की गरीबी का दोहन करके आप ईसाई बनाते हैं वह ईसा के नहीं (चावल) अर्थात पेट के लिए ईसाई होते हैं.

जाहिर है यह विज्ञापन धर्म परिवर्तन रोकने के नाम पर ईसाइयों और वहां अन्य अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमले को जायज ठहराएगा और आम समाज में अल्पसंख्यकों को लेकर होने वाले हमलों पर गांधी के बहाने आम सहमति बनाएगा. अगर गांधी के नाम पर ऐसा हुआ तो आने वाली पीढ़ियां भूल जाएंगी कि गांधी का पहला धर्म सत्य और अहिंसा था.

 

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