गुजरात: कांग्रेस ने अपनाया जातीय समीकरण, बीजेपी को सताने लगा हार का डर
गुजरात के सियासी रणभूमि में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला बनता जा रहा है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नवसजृन यात्रा के जरिए मैराथन दौरे करके पार्टी में नई जान फूंकी है. इतना ही नहीं कांग्रेस ने बीजेपी के दुर्ग में ही उसे मात देने के लिए जातीय समीकरण के तहत राज्य के युवा त्रिमूर्ती को भी साधा है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गुजरात के एक के बाद एक दौरे कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पाटन में फिर बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम कहते थे न खाऊंगा न खाने दूंगा और अब कहते हैं न बोलूंगा न बोलने दूंगा. उन्होंने कहा, मोदी जी की जो मार्केटिंग, शोमैन है… क्या लगता है आपको? मार्केटिंग के लिए दलित, आदिवासी लोग पैसा देते हैं, क्या नहीं. उन्होंने कहा कि इसे कहते हैं ‘क्विड प्रो क्वो’ मैं आपको 33000 करोड़ दूंगा आप मेरी मार्केटिंग करेंगे.
बता दें कि कांग्रेस ने गुजरात की सियासी बाजी जीतने के लिए ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर को गले लगाया तो बहुजन युवा नेता जिग्नेश मेवाणी का समर्थन लिया तो पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के जरिये बीजेपी के परंपरागत वोटर में सेंधमारी करने की जुगत लगाई है.
गुजरात में 7 फीसदी बहुजन मतदाता हैं. उना घटना के बाद माना जा रहा है कि बहुजन मतदाता बीजेपी से नाराज हैं. उना आंदोलन से पहचान बनाने वाले बहुजन नेता जिग्नेश मेवाणी ने कांग्रेस का समर्थन का ऐलान कर दिया है. जिससे कांग्रेस पार्टी के वोट बैंक में भी इजाफा हुआ है… ऐसे में बीजेपी ने भी बहुजन नेताओं को गुजरात में उतारने की तैयारी की है. इस कड़ी में बहुजन चेहरा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और आत्माराम परमार को गुजरात में उतार दिया है. गुजरात के बहुजन बाहुल्य क्षेत्रों में पासवान को अधिक सक्रिय रूप में बीजेपी इस्तेमाल कर रही है.
आपको बता दें कि गुजरात में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होने वाले हैं. पहला चरण 9 दिसंबर और दूसरा चरण 14 दिसंबर को होगा.
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