गोरखपुर की घटना पर नया खुलासा, बच सकती थी मासूमों की जान
गोरखपुर की घटना पर नया खुलासा सामने आया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार आक्सीजन की कमी का पता चलने के बाद भी 350 किलोमीटर दूर से आक्सीजन मंगवाई गई। जबकि यह स्थानीय स्तर पर भी हो सकता था। इस मामले में कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव मिश्रा ने आपूर्ति कंपनियों के पक्ष में नियमों का उल्लंघन किया है। इससे साफ होता है कि करीबियों को फायदा पंहुचाने के लिए यह सब किया गया।
इलाहाबाद और फैजाबाद से ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे गए। ऑक्सीजन के अस्पताल तक पहुंचने में ज्यादा वक्त लगा जिसकी वजह से यह हादसा सामने आया। अगर स्थानीय स्तर पर ही यह खरीद होती तो 30 बच्चो की जान बच सकती थी। ऑक्सीजन की इतनी दूर से खरीद से साफ जाहिर होता है कि भ्रष्टाचार की आड़ में मासूमों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
गौरतलब है कि पहले खबर थी कि महज 69 लाख रुपए के बकाए को लेकर अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई देने वाली फर्म ने हाथ खड़े कर दिए थे। बता दें कि यह हादसा तब सामने आया जब दो दिन पहले ही सीएम योगी खुद अस्पताल का दौरा कर चुके थे, लेकिन फिर भी इतनी बड़ी घटना हो गई।
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The murder of a child belonging to the scheduled caste community in Saraswati Vidya Mandir…