गौरी लंकेश पहली नहीं जिनकी बोली को मिली गोली, देखें पूरी लिस्ट
नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की उनके ही घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. गौरी लंकेश को उस वक़्त गोली मारी गई जब वह अपने घर लौट रही थीं. गौरी घर के अंदर जा ही रही थीं कि बाइक सवार लोगों ने उनपर 7 गोलियां फायरिंग की, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. अपनी पत्रकारिता से गौरी ने जिन विचारों को आगे बढ़ाया, उसे उनकी मौत ने घर-घर पहुंचा दिया है. हत्यारों को लग रहा होगा कि उन्होंने अपना काम पूरा कर दिया. जी नहीं, उन्होंने गौरी का ही काम आगे बढ़ाया है.
क्या हमारा समाज इतना असहिष्णु हो गया है जो विद्वान लेखकों के विचारों से निपटने के लिए अपने विचारों का नहीं बल्कि बंदूक का सहारा लेता है? विचारों से जब उन्हें परास्त नहीं कर पाए तो बंदूक की गोलियों का सहारा लिया और उन्हें समाप्त कर दिया? लेकिन यहां पर शायद हमलावर भूल जाते हैं कि विचारक मर सकते हैं लेकिन विचार कभी नहीं मरते. लेकिन दक्षिणपंथियों की आलोचना करने वालों में वो पहली नहीं जिनकी हत्या हुई हो.
आइये जानते हैं इसके पहले किन-किन की हत्या की गई?
नरेंद्र दाभोलकर:
इन्हें 20 अगस्त 2013 को पुणे के सड़कों पर हत्या कर दी गयी. वो लगातार अंधविश्वासों और रूढ़ियों पर चोट करते रहे थे और यही बात कुछ रूढ़िवादियों को नागवार गुजरी थी. वे अंधविश्वासों और काले जादू के खिलाफ कानून बनाने के लिए लंबी लड़ाई लड़े थे.
गोविंद पानसरे:
16 फरवरी 2015 को जब कोल्हापुर की सड़क पर वो अपनी पत्नी के साथ टहलकर लौट रहे थे, उसी वक़्त उन्हें गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. उन्होंने शिवाजी की हिन्दुत्ववादी तस्वीर से अलग सेकुलर रूप में व्याख्या की थी और जाति से बाहर विवाह को प्रोत्साहन दिया था.
एमएम कलबुर्गी:
30 अगस्त 2015 को धारवाड़ में जैसे ही उन्होंने अपने घर का दरवाज़ा खोला था, उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया था. तर्कवादी कलबुर्गी लिंगायत समुदाय के आलोचक थे. 2014 में उन्होंने खुले रूप से मूर्ति पूजा का विरोध किया था.
विचारों से जब परास्त नहीं कर पाते तो बंदूक की गोलियों का सहारा लेते.. और आखिर में बंदूक की गोलियों से मौत के घाट उतार दिए जाते.. लेकिन यहां पर शायद ये मारने वाले भूल जाते हैं कि विचारक मर सकते हैं लेकिन विचार कभी नहीं मरते.
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…