चंद्रशेखर पर रासुका लगाए जाने से समर्थकों भयंकर आक्रोश, योगी सरकार को किया चैलेंज
सहारनपुर। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण के खिलाफ योगी सरकार द्वारा की गई कार्रवाई से बहुजन समाज और चंद्रशेखर के समर्थकों में भयकंर आक्रोश है. एक तरफ तो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चंद्रशेखर पर लगाए सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए को जमानत दे दी, तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासन ने उन पर रासुका लगा दी।
चंद्रशेखर के समर्थकों ने शासन-प्रशासन से रावण पर लगाई गई रासुका की कार्रवाई हटाने की मांग की है. उन्होंने उपजिलाधिकारी कार्यालय पर आमरण अनशन की धमकी देते हुए कहा कि यदि हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम राज्य सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के महासचिव रणधीर के आवास पर हुई मीटिंग में चंद्रेशेखर पर रासुका हटाने की मांग की गई. मीटिंग में मौजूद जिलाध्यक्ष साधू राम ने पुलिस पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि 9 मई को जिले में हुए दंगे के दौरान चंद्रशेखर शांति बहाल कराने में पुलिस-प्रशासन का सहयोग कर रहा था लेकिन पुलिस ने चंद्रशेखर को ही दंगे का मुख्य आरोपी बनाते हुए 19 मामले दर्ज कर 12 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया।
भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने एलान किया कि 9 नवबंर को मंडलायुक्त कार्यालय पर अनिश्चितकाल के लिए भूख हड़ताल पर बैठेंगे। रासुका न हटने तक भीम आर्मी के पदाधिकारी और उनके परिजन आंदोलन करेंगे। इस संबंध में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने डीएम को ज्ञापन भी सौंपा है।
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