जाति पता लगते ही मौसम महिला वैज्ञानिक ने कुक के खिलाफ दर्ज कराई FIR
मुंबई। ये तस्वीर एक साठ वर्षीय विधवा की है जिसके खिलाफ गुरुवार को मौसम विभाग की एक ब्राह्मण वैज्ञानिक मेधा विनायक खोले ने शिकायत दर्ज कराई है। खोले ने यह कहते शिकायत दर्ज कराई है कि उसने धार्मिक समारोहों के दौरान खाना पकाने की नौकरी को बचाने के लिए अपनी जाति को छिपाने और एक विवाहित ब्राह्मण महिला होने का नाटक किया। हालांकि महिला उनके आरोपों का खंडन किया है।
यादव अपने बेटे के साथ वडगांव धयारी के समर्थ कॉम्पलेक्स में किराए पर रही हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग में मौसम पूर्वानुमान की उप महाप्रबंधक डॉ मेधा विनायक ने इस बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
मेधा विनायक ने पुलिस को दिए अपने स्टेटमेंट में बताया है कि उन्हें अपने माता-पिता की स्मृति में पूजा के दौरान और गणेश त्योहार के दौरान विशेष अवसरों पर भोजन तैयार करने के लिए ब्राह्मण समुदाय की एक विवाहित कुक चाहिए थी. साल 2016 में महिला ने उनसे संपर्क किया और खुद को निर्मल कुलकर्णी बताया.
पहली मुलाकात के बाद मेधा विनायक जानकारी लेने के लिए निर्मला के घर पर भी गई और वहां भी उन्हें सबकुछ ठीक लगा और उन्होंने उसे काम पर रख लिया. लेकिन कुछ दिन बाद किसी ने उनसे बताया कि जिस महिला को उन्होंने काम पर रखा है वो ब्राह्मण नहीं है. जिसके बाद उन्होंने फिर से उसके बारे में जानकारी जुटाने के लिए उकसे घर के आस पास के लोगों से उसके बारे में पूछताछ की. पूछताछ के दौरान पता चला कि जिस महिला ने खुद को निर्मला कुल्कर्णी बताकर पेश किया है उसका असली नाम निर्माला यादव है.
मेधा विनायक का आरोप ये भी है कि जब उसने कुक से उसकी असली जाती के बारे में पूछा तो उसने उनके साथ धक्का मुक्की भी की. मेधा विनायक कि शिकायत पर सिंहगढ़ रोड पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) धारा 419 धारा 504 के लिए धारा 354 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
जब कुक से इस बारे में पूछा गया कि आखिर उसने अपनी जाती के बारे में झूठ क्यों बोला तो उसने कहा कि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उस वक्त उसे नौकरी की जरूरत थी और नौकरी के लिए उसे झूठ बोलना पड़ा. मेधा विनायक को उसने ये भी बताया कि शादी के बारे में भी उसने झूठ बोला था. वो शादीशुदा नहीं है. उसके पती की मौत पहले ही हो चुकी है.
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