जानें देश का एक बड़ा तबका महिषासुर वध का जश्न मनाए जाने का विरोध क्यों कर रहा है ?
कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पंखाजुर थाने में आदिवासी समुदाय के लोगों ने दुर्गा पूजा समिति के खिलाफ महिषासुर का अपमान करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है.
दरअसल आदिवासी समुदाय के लोगों ने महिषासुर को अपना पूर्वज बताया है और परलकोट इलाके में दुर्गा पूजा पंडालों में मूर्तियों में दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करते हुए दिखाए जाने का विरोध जताया है. अनुसूचित जाति मोर्चा के कांकेर जिला उपाध्यक्ष लोकेश सोरी ने थाने में दर्ज शिकायत में कहा है कि महिषासुर अनुसूचित जनजाति के लोगों के पुरखे हैं. पखांजुर थाने परलकोट इलाके में दुर्गा पूजा पंडालों में मूर्तियों में दुर्गा द्वारा उनका वध करते हुए दिखाया गया है.
बकौल लोकेश सोरी, पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के अनुच्छेद 244 (1), अनुच्छेद 13(3) (क), अनुच्छेद 19(5) (6) के प्रावधानों के अनुसार आदिवासियों की भाषा, संस्कृति, पुरखों, देवी-देवताओं के ऊपर हमले और अपमान को अनुचित एवं दंडनीय बताया गया है.
छत्तीसगढ़ में पिछले साल हुआ था मामला दर्ज
गौरतलब है कि इन्हीं कानूनी प्रावधानों के तहत पिछले साल छत्तीसगढ़ के ही राजनंदगांव जिले के मानपुर थाने में सतीश दूबे नाम के एक शख्स के ऊपर महिषासुर का अपमान करने और आदिवासियों को गाली देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में पांच अन्य लोगों को भी अभियुक्त बनाया गया था. इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक न्यायादेश में आरोपितों की जमानत याचिका को खारिज किया था. अपने न्यायादेश में अदालत ने महिषासुर के अपमान को आदिवासियों के धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला करार दिया था.
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…