JNU के OBC छात्र दिलीप यादव को कोर्ट के आदेश के बाद मिला पीएचडी में दाखिला
नई दिल्ली| जेएनयू में यूनाइटेड ओबीसी फोरम के छात्र नेता दिलीप यादव को दिल्ली हाईकोर्ट के दखल के बाद पीएचडी में दाखिला और हॉस्टल दोनों मिल गया है. जेएनयू प्रशासन की ओर से दिलीप यादव को खासा परेशान किया गया जिसके बाद दिलीप यादव को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पडा. आखिरकार जेएनयू प्रशासन को दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के आगे झुकना पड़ा.
बता दें कि 27 जुलाई को जेएनयू प्रशासन ने दिलीप यादव को हॉस्टल से बाहर निकाल दिया था साथ ही उनको पीएचडी में दाखिला लेने से भी रोक दिया गया था. वहीं इस पूरे मामले में दिलीप यादव का कहना है कि जेएनयू प्रशासन के इस साजिश के पीछे का सबसे बड़ा कारण ये है कि यूनाइटेड ओबीसी फोरम से जुड़े साथियों ने इंटरव्यू में हो रहे जातिगत भेदभाव का विरोध किया था.
जेएनयू प्रशासन के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी –
‘माननीय दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए जेएनयू प्रशासन को निर्देश से मेरा PhD में रजिस्ट्रेशन हो गया है साथ में हॉस्टल भी मुझे मिल गया है। जेएनयू स्टूडेंट्स कम्युनिटी तथा जेएनयू से बाहर के लोगो का भी बहुत बहुत धन्यवाद् जो मेरे साथ खड़े रहे और मुझे लड़ने का साहस दिए। जब तक हमारे अधिकार नही मिल जाते तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी, इस तानाशाही जेएनयू प्रशासन और सरकार के खिलाफ।’
https://www.youtube.com/watch?v=WwD_RqoHc_E&t=46s
गौरतलब है कि जेएनयू में एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग के दौरान नौ छात्र शकील अंजुम, मुलायम सिह यादव, दिलीप कुमार यादव, दिलीप कुमार, भूपाली विट्ठल, मृत्युंजय सिंह यादव, दावा शेरपा, एस राहुल, प्रशांत कुमार को एडमिशन में ओबीसी हिस्सेदारी की मांग करने के आरोप के बाद निलंबित कर दिया गया था।
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