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Social - State - August 9, 2017

तमाम सतर्कता के बाद भी ‘शाह’ को मिली ‘मात’

दिल्ली.दो चाणक्यों की लड़ाई में आखिरकार एक चाणक्य जीत गया लेकिन ये लड़ाई किसी 20 -20 से काम दिलचस्प नहीं थी. इस लड़ाई में दो प्रमुख दलों के दो मैनेजर एक ही बिसात पर आमने सामने थे. भाजपा के मैनेजर अमित शाह को अपनी कामयाबियों पर बड़ा नाज़ था. दूसरी तरफ कांग्रेस के मैनेजर और सोनिया के सियासी सलाहकार अहमद पटेल भी अपने को कुछ काम नहीं आंक रहे थे. इत्तेफ़ाक़ से दोनों गुजरात से ही थे लेकिन शाह को नहीं पता था इस बिसात पर ‘शाह’ की ऐसी ‘मात’ होगी. भाजपा की निगाह लंबे समय से कांग्रेस से नाराज चल रहे शंकर सिंह वाघेला पर पहले से ही थी. जन्मदिन के दिन वाघेला ने इस बात का ऐलान भी किया. इधर कांग्रेस को राज्यसभा चुनावों में क्रॉस वोटिंग का खौफ पहले से था. शायद इसी लिए वाघेला को ज़्यादा तवज्जोह नहीं दी. वाघेला के जाने के बाद कांग्रेस के विधायकों में इस्तीफे की प्रति स्पर्धा शुरू हो गई. इस्तीफों से घबराई कांग्रेस ने अपने विधायकों को सबसे पहले बेंगलुरू भेज दिया और उन्हें कड़ी निगरानी में रखा. इधर राज्यसभा, लोकसभा से लेकर चुनाव आयोग और सड़कों तक उसने बीजेपी पर ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ का आरोप लगाना शुरू कर दिया.वोटिंग से ठीक पहले कांग्रेस के सहयोगी दलों एनसीपी और जेडीयू ने अपना रुख स्पष्ट किया और कहा कि उनके विधायक भाजपा को ही वोट देंगे.

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