तीन तलाक के मुद्दे पर यह क्या बोल गए मौलाना कासिम ?
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन तलाक के विरोध में खड़े लोगों में खुशी की लहर है तो वहीं शरीयत और धर्म से जुड़ा मुद्दा कहकर तीन तलाक में हस्तक्षेप नहीं करने का हवाला देने वाले लोगों को कोर्ट के फैसले ने तगड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी विरोध देखने को मिल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर छह महीने की रोक लगा दी है, वहीं केंद्र सरकार से छह महीने के भीतर कानून बनाने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया है।
तीन तलाक जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बरेली के आला हजरत के बाद देवबंद के दारुल उलूम की राय अलग है. दारुल उलूम देवबंद के मौलान कासिम ने कहा है कि तीन तलाक शरीय और इस्लाम का मामला है. अदालत और सांसद इन ममलों में दखल न दें. यह इंसानों का बनाया हुआ मसला नहीं है. कुरान और हदीस का मामला है. दारुल उलूम के कुलपति मौलाना कासिम ने कहा कि शरीयत में जरा भी दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कासिम ने कहा कि पर्सनल लॉ बोर्ड जो फैसल लेगा वही माना जाएगा। मजहबी मसले में अदालतें दखल न दें। उन्होंने कहा कि सरकार को तीन तलाक पर कानून बनाने से पहले सोचना चाहिए।
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…