Home Social दलित का संस्कार करने से रोका, खबर पढ़कर समझिए क्या है पूरा मामला
Social - State - September 11, 2017

दलित का संस्कार करने से रोका, खबर पढ़कर समझिए क्या है पूरा मामला

गुना। मध्यप्रदेश के गुना जिले के बिलोनिया चक गांव में उच्च जाति के व्यक्ति ने दलित का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया. उच्च जाति के यह व्यक्ति यादव समुदाय से ताल्लुक रखता है. इसने श्मशान वाली जमीन पर 2 साल से कब्जा कर रखा है.

दरअसल, बिलोनिया चक गांव 80 साल अमरू का लंबी बिमारी के चलते मौत हो गई थी. बीते रविवार (10 September) की सुबह उसके परिजन और रिश्तेदार शव को लेकर श्मशान भूमि दाह संस्कार करने पहुंच गए. इसी बीच यादव समुदाय के कुछ लोग वहां आ गए और बोले की यह भूमि उनकी है. यहां पर अंतिम संस्कार नहीं होगा.

इससे दलित समुदाय ने इसका विरोध किया. दलितों के विरोध करने पर यादव समुदाय ने उन्हें मारपीट करने की धमकी देने लगे. तब दलितों ने पुलिस को फोन कर इसके बारे में सूचना दी. थोड़ी ही देर में कैंट थाने से बल, तहसीलदार, पटवारी, सचिव और अन्य अमला गांव पहुंच गया. पीड़ित परिवार की समस्या सुनने के बाद अधिकारियों ने अंतिम संस्कार करवाया.

गांव वालों ने बताया कि गांव की सरकारी जमीन पर वर्षों से दाह संस्कार कर रहे हैं. लेकिन एक जातिवादी गुंडे गनपत यादव पिछले दो वर्ष से यहां बागड़ कर दी गई है और यह भूमि स्वयं की बताकर दाह संस्कार से मना किया जाता है. छह माह पहले भी एक महिला की मौत पर शव जलाने पहुंचे लोगों को भगा दिया था, लकड़ियां फेंक दी थीं. लेकिन अबकी बार गांव वालों ने दबंग से डरने की बजाए श्मशान की भूमि के पास ही सड़क पर शव रखकर शांतिपूर्ण तरीके से मुकाबला किया.

 

गुना के तहसीलदार इकबाल खान ने बताया कि श्मशान के लिए ग्राम पंचायत में प्रक्रिया चल रही है. सरकारी भूमि से दो बीघा जमीन चयनित कर शांतिधाम का प्रस्ताव ग्राम पंचायत से मांगा है. मामला संवेदनशील था इसलिए उसी भूमि पर दाह संस्कार कराया, जहां ग्रामीण यह परंपरा निभाते आए हैं. सरकारी जमीन पर की गई बागड़ भी हटवाएंगे. ग्राम पंचायत श्मशान में बाउंड्रीवाल, टीनशेड आदि का इंतजाम करेगी. पुलिस को एहतियात के लिए बुलाया गया था.

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