दो फाड़ JDU, नीतीश NDA में हुए शामिल, शरद महागठबंधन के साथ
पटना। जनता दल यूनाइटेड में अब दो फाड़ होती दिख रही है. शरद यादव जहां खुद को अब भी महागठबंधन का हिस्सा बता रहे हैं, वहीं सीएम नीतीश कुमार के आवास पर हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एनडीए में शामिल होने का प्रस्ताव पास हो गया. चार साल बाद जनता दल यूनाइटेड फिर से एनडीए में शामिल होगी. जी हां जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एनडीए में शामिल होने का प्रस्ताव पास हो गया. इस बैठक में नीतीश कुमार खेमे के सभी बड़े नेता शामिल हुए. गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले नीतीश कुमार ने पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम पर असहमति जताते हुए एनडीए से बाहर जाने का फैसला किया था. जिसके बाद बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू ने एक साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था. हालांकि यह भी महज 20 महीने में ही टूट गया. अब जेडीयू एक बार फिर से एनडीए के साथ है.
शरद यादव के समर्थकों ने किया नीतीश के घर पर हंगामा
जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और उसके फैसले को लेकर शरद यादव खेमे ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. शनिवार की दोपहर सीएम नीतीश के आवास पर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू होने से कुछ देर बाद ही मौके पर शरद यादव और आरजेडी के कुछ समर्थक वहां पहुंच गए. समर्थकों ने वहां जमकर नारेबाजी की. इस दौरान सीएम आवास के बाहर नीतीश और शरद समर्थकों के बीच भिड़ंत भी हुई. हालांकि पुलिस ने बीचबचाव कर हालात काबू में कर लिया. वहीं मौजूदा हालात को देखते हुए सीएम आवास के बाहर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.
नीतीश कुमार और शरद यादव खेमे में पोस्टर वॉर
पटना में नीतीश कुमार और शरद यादव खेमे में पोस्टर वॉर भी जारी है. पटना के सड़कों पर पोस्टर वॉर भी देखा गया. नीतीश के पोस्टरों के जवाब में शरद यादव के समर्थकों ने भी पोस्टर्स लगवाए हैं. इनमें लिखा है, ‘जन अदालत का फैसला, महागठबंधन जारी है.
वहीं अरुण श्रीवास्वत कहते हैं हम असली जनता दल है. हम दावा करने के लिए लड़ाई करेंगे. हमारे पास ज्यादा समर्थन है. बिहार से बाहर नीतीश को किसी का समर्थन नहीं है. ये वो बीजेपी नहीं है, जिससे हमने गठबंधन किया था. हम मंदिर और आर्टिकल 370 पर समझौता नहीं कर सकते. अगर लालू भ्रष्टाचारी थे, तब नीतीश ने चुनाव जीतने के लिए उनसे हाथ क्यों मिलाया?
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…