परमात्मा यादव की मौत के आरोपी प्रोफेसर को कब होगी जेल ?
इलाहाबाद। रिसर्च भी कम्पलीट हो चुका था, जॉब ऑफर भी मिल चुका था, इंटरव्यू भी हो चुका था. फिर हालातों ने अचानक कैसे इतना बड़ा मोड़ ले लिया. कि बेहद कूल रहने वाले परमात्मा यादव को सुसाइड करनी पड़ी.
यूपी के इलाहाबाद में आईआईआईटी के प्रोजेक्ट फेलो परमात्मा यादव ने 28 अगस्त को सुसाइड कर लिया था. आरोप था कि फेलो गाइड के उत्पीड़न की वजह से परमात्मा ने आत्महत्या की थी. 8 महीने पहले ही परमात्मा यादव की शादी हुई थी.
सुसाइड से एक रात पहले ही परमात्मा ने अपने बड़े भाई अवनीश से अपने उत्पीड़न की कहानी बताई थी. और अगली सुबह वो घऱ में फांसी पर लटका मिला था. परमात्मा ने अपने भाई को बताया था कि उसका रिसर्ट कार्य पूरा हो चुका है इसके बावजूद प्रोफेसर उसके डॉक्यूमेंट नहीं दे रहें हैं. नोड्यूज पर साइन नहीं कर रहा है. इसकी वजह से वो बहुत परेशान है. उसके पास नौकरी के दर्जनो आफर तो हैं लेकिन डॉक्यूमेंट नहीं होने की वजह से कुछ नहीं हो पा रहा है. तब बड़े भाई ने समझाया था कि सब ठीक हो जाएगा.
बड़े भाई अवनीश का कहना है कि उन्हें क्या पता था कि उसके दिमाग में कुछ और चल रहा था, छोटे भाई को खोने के दर्द से गुजर रहे अवनीश यादव ने कसम खाई है कि वो उसकी मौत के जिम्मेदार प्रोफेसर अनुपम अग्रवाल को किसी भी हाल में बक्शेंगे नहीं।
वहीं परामत्मा के सुसाइड करने के बाद मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सुसाइड केस में बॉडी का पोस्टमार्टम कराना अनिवार्य होता है तो फिर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराना क्यों जरुरी नहीं समझा. पूरा परिवार रातो-रात किस दबाव में शहर छोड़कर जाने पर मजबूर हुआ. एमटेक के बाद जेआरएफ क्लीयर करके पीएचडी कम्प्लीट करने वाला छात्र इस मनोदसा में कैसे पहुंचा, जब कोई दिक्कत नहीं थी तो प्रोफेसर ने कोर्स कम्प्लीट होने के बावजूद भी क्यों मार्कसीट और दूसरे डॉक्यूमेंट रोक रखे थे।
लगभग तय हो चुका है कि परमात्मा यादव की मौत का दोषी प्रोफेसर अनुपम अग्रवाल ही है और उस पर लग रहे सारे आरोप साबित होने लगे हैं. परमात्मा की सुसाइड के पीछे प्रोफेसर अनुपम अग्रवाल की गलत हरकते ही थी. लेकिन सवाल इस बात का भी है कि क्यों शिक्षण संस्थानों में छात्रों को आत्महत्या करने पर मजबूर किया जा रहा है. इससे पहले हैदराबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी में छात्र रोहित वेमुला ने सुसाइड कर लिया था।
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