पुजारी के रूप में क्यों लौटे योगी आदित्यनाथ ?, जानें पूरा खेल
गोरखपुर। पुजारी से राजनेता बने योगी अदित्यनाथ जो बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में शुमार हैं. योगी इन दिनों दशहरे के जश्न में डूबे रहे. जी हां, पिछले पांच दिन योगी सीएम और पुजारी के रूप में दोहरी भूमिका निभाए. दरअसल दशहरा के मौके पर योगी गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के राज्यपाल और प्रधान पुजारी के रूप में दिखे. यहां वह नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा करने में व्यस्त रहें. इस दौरान बुधवार को योगी ने कालरात्री की पूजा की. गुरुवार को उन्होंने सप्तमी पूजन किया . जबकि शुक्रवार को महागौरी पुजन किया.
वहीं इस दौरान योगी ने कन्या पूजन और बटुक पूजन भी किया. बता दें कि कालरात्री, सप्तमी पूजन, महागौरी पुजन, कन्या पूजन, बटुक पूजन, दशहरे के जुलूस में शामिल होने का कार्यक्रम, राम, सीता, शिव और हनुमान के पूजन की सभी तस्वीरें योगी ने अपने फेसबुक और ट्विट्र अकाउंट से शेयर भी किया है.
क्या उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व को गर्माया रखना चाहते हैं योगी ?
बड़ा सवाल है क्या उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व को गर्माया रखना चाहते हैं योगी ? क्या योगी यह सब कर अपने पिछले छह महीने के कार्यकाल की नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं ? अपने छह महीनों के कार्यकाल में योगी ने ऐसी कोई नई योजना लाने की चर्चा कर नहीं की है जो लोकहित में हो. वहीं पिछले छह महीनों में योगी सरकार का सारा जोर सिर्फ़ और सिर्फ़ रोक लगाने पर ही रहा. कभी अवैध बूचड़खानों पर रोक तो कभी एंटी रोमियो स्क्वायड बनाकर छेड़छाड़ पर रोक. ऐसे में ज़ाहिर है लोग योगी के छह माह के कार्यकाल को लेकर सवाल पूछेंगे तो उससे पहले लोगों का ध्यान भटकाने के लिए शायद योगी इस तरह का खेल खेलना पसंद कर रहे हों. लोग जमीनी मुद्दों तक पहुंच ही नहीं पाएंगे. वो हिंदुत्व के खेल में ही उलझे रह जाएंगे.
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…