“बुलेट ट्रेन छोड़िए, पहले पटरियां तो सुधार लीजिए”
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुज़़फ्फ़रनगर में खतौली के पास कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. यह ट्रेन पुरी से हरिद्वार जा रही थी.. मुज़फ्फ़रनगर के खतौली के पास हुए कलिंग उत्कल एक्सप्रेस हादसे में कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई है और करीब 400 लोग घायल बताए जा रहे हैं. यह हादसा शाम पांच बजकर 50 मिनट पर हुआ. फिलहाल, पुलिस-प्रशासन का अमला मौके पर मौजूद है. राहत-बचाव का काम लगभग पूरा हो गया है.
हादसा इतना भीषण था कि रेल ट्रैक के आस-पास बसे कुछ घरों और एक इंटरकॉलेज भी इसकी चपेट में आ गए. कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस का एक डिब्बा काफ़ी दूर उछलकर एक इंटर कॉलेज में जा घुसा. जबकि एक डिब्बा फिल्मी स्टाइल में हवा में उड़ता हुआ करीब के एक मकान में जा घुसा. अब आप खुद इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि ये हादसा कितना भीषण रहा होगा.
वहीं इस रेल हादसे के पीछे एक बार फिर से रेलवे की बड़ी लापरवाही की बात सामने आ रही है. घटनास्थल के पास पटरियां कटी हुई हैं और वहां से हथौड़े, रिंच और दीगर औजार भी मिले हैं. बताया जा रहा है कि मुजफ्फरनगर के खतौली में ट्रैक पर मरम्मत का काम चल रहा था. ऐसे में फिर सवाल उठ रहा है कि ट्रेन को अखिर इस ट्रैक पर से गुजरने क्यों दिया गया?
गौरतलब है कि यूपी के कानपुर में बीते साल नवंबर के महीने में बड़ा रेल हादसा हुआ था. इंदौर-राजेन्द्र नगर एक्सप्रेस ट्रेन इंदौर से पटना जा रही थी. जब इसके भी 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. करीब 150 लोग इस हादसे में मारे गए थे. जबकि 300 ले ज्यादा लोग घायल हुए थे.
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