’बेटी बचाओ’ का नारा बुलन्द करने वाले बीजेपी के शूरवीर नेतागण कहाँ है?
By:NIN Bureau
नई दिल्ली। हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष के बेटे की करतूत पर पूर विपक्ष बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गया है, औऱ साथ ही आरोपी को जेल में डालने और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला से अध्यक्ष पद से इस्तीफे की मांग कर रहा है, वहीं बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी इस मामले को लेकर भाजपा को जमकर फटकारा लगाई है। अपहरण और पीछा करने के मामले में कमजोर धाराएं लगाकर छोड़ देने के मामले में मायावती पीड़ित बेटी के पक्ष में आ गई हैं। मायावती ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा…..
मायावती जी ने बीजेपी-शासित हरियाणा में बीजेपी के अध्यक्ष के पुत्र द्वारा राज्य के वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी की बेटी का अपहरण करने के प्रयास और फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर द्वारा पिछली अन्य घटनाओं की तरह इस मामले को भी मामूली घटना बताकर इसे भी रफादफा करने की कोशिश करने की तीव्र निन्दा करते हुये कहा कि बड़े दुःख की बात है कि बीजेपी के बड़े-बड़े शूरवीर व सूरमा बनने वाले नेतागण इस जघन्य वारदात पर ना केवल मौन हैं बल्कि इसका बचाव भी करने पर अमादा हैं।
मायावती ने जारी बयान में कहा कि खासकर बीजेपी-शासित राज्यों में दलितों, शोषितों, उपेक्षितों, पिछड़ों व मुस्लिम एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ महिला उत्पीड़न व अन्याय के मामलों में कानून का राज नहीं है बल्कि कानून के साथ खिलवाड़ करने की घटना में आम बात बन गयी है। हरियाणा की बीजेपी तो इन मामलों में खासतौर से बहुत ही पिछड़ी हुई व बदनाम सरकार है।
साथ ही हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के पुत्र व आरोपी विकास बराला के संगीन मामले को जिस प्रकार से बीजेपी के मुख्यमंत्री खट्टर ने बचाव किया है और इसी प्रकार के हस्तक्षेप के फलस्वरूप ही फिर आरोपी के खिलाफ हल्की धारा लगाकर उसको थाना से ही जमानत पर छोड़ दिया गया। इससे लोगों का आक्रोशित होना स्वाभाविक है तथा यह सवाल पूर्णतः जायज है कि ’बेटी बचाओ’ का नारा बुलन्द करने वाले बीजेपी के शूरवीर नेतागण कहाँ है? वे क्यों मौन है? क्या देश का कानून बीजेपी वालों पर लागू नहीं होगा? यह दोहरा मापदण्ड क्यों?
हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बेटे आरोपी विकास बराला पर अपहरण का मुकदमा दर्ज करके इसकी तत्काल गिरफ्तारी की माँग करते हुये मायावती ने कहा कि इस प्रकार की महिला शोषण व उत्पीड़न के गंभीर मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई करके देश व समाज को और ज्यादा शर्मिन्दगी से बचाया जाना चाहिये।
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