मनमोहन ने एक नहीं 3 बार किया था मोदी का बचाव
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नरेन्द्र मोदी से राजनीतिक मतभेद व कथित कड़वे रिश्तों के बावजूद राष्ट्रहित के मुद्दों पर कम से कम 3 बार केंद्र सरकार के फैसलों के साथ खड़े नजर आए। उनका यह कदम कांग्रेस पार्टी के कथित स्टैंड से भी आगे दिखा। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने से पहले की बात हो या बाद की मनमोहन सिंह कभी भी मोदी की राजनीति के समर्थक नहीं हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान नरेन्द्र मोदी जिस तरह मनमोहन सिंह का सार्वजनिक मंचों से मजाक उड़ाते रहे हैं उससे दोनों नेताओं के व्यक्तिगत संबंधों में भी कड़वाहट घुल गई थी।
बावजूद इसके पिछले 3 साल की मोदी सरकार में मनमोहन सिंह राष्ट्रीय महत्व के फैसलों पर सरकार के साथ खड़े नजर आए। इस दौरान वह राजनीतिक रूप से मोदी के बयानों के कड़े आलोचक भी रहे। जब मोदी ने 2015 में अर्थव्यवस्था सुधार का दावा किया था तो मनमोहन सिंह ने उन्हें एक अच्छा इवैंट मैनेजर बताते हुए मजाक उड़ाया था। इस तरह जब नोटबंदी का फैसला अचानक मोदी ने लिया तो मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में उनके इस फैसले को संगठित लूट तथा अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से भारी चूक बताया था भाजपा सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण तथा देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) पर सभी विपक्षी दल भाजपा से भिड़े हुए थे। भाजपा सरकार को उस मौके पर मनमोहन सिंह से समर्थन मिला।
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…