मीडिया दलितों के साथ ऐसा न्याय क्यों नहीं करता?
हाल ही में चंडीगढ़ में हुई छेड़खानी की घटना के बाद मेनस्ट्रीम मीडिया ने इस मामले को खूब चलाया। ऐसा शायद इसलिए भी था क्योंकि इसमें हरियाणा के बीजेपी नेता का लड़का आरोपी था। इस मुद्दे को मीडिया के द्वारा सामने लाना एक अच्छा प्रयास रहा, लोगो ने इस मुद्दे को सामने लाने के लिए मीडिया की सरहाना भी की लेकिन मीडिया के इस एकतरफा तरीके पर कुछ लोग सवाल उठा रहें हैं। लोगों का कहना है कि जब किसी दलित लड़की का रेप हो जाता है या कोई छेड़खानी होती है तो मीडिया इतनी तत्परता क्यों नहीं दिखाता? क्या मीडिया को उस मुद्दे को उठानें में टीआरपी नहीं दिखाई देती।
आपको बता दें कि मेनस्ट्रीम मीडिया पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं कि वह दलित पिछड़ो पर हो रहे अन्याय के मुद्दों को पूरी तत्परता से नहीं उठाता। मीडिया के इस रूख की वजह से ही कई लोग मेनस्ट्रीम मीडिया को दलित विरोधी मीडिया तक कहते हैं। चंडीगढ़ में एक महिला के साथ हुई छेड़खानी की घटना को जिस तरह प्रस्तुत किया गया वैसै दलित महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय को मीडिया क्यों महत्व नहीं देता।
लोगों का कहना है कि जिस तरह से चंडीगढ़ की घटना के बाद मीडिया ने उसे महत्व दिया है और पीड़ित महिला की आवाज को सामने लाने का काम किया है वैसे ही अन्य महिलाओं और दलित महिलाओं पर हो अत्याचार को भी सामनें लाना चाहिए जिससे नीचे तबके लोगों को भी न्याय मिल सके।
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