मोदी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ देशभर में बैंकों की 22 अगस्त को हड़ताल
कोलकाता। देशभर के बैंक कर्मचारी 22 अगस्त को हड़ताल पर रहेंगे. जी हां यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियंस (यूएफबीयू) ने मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ 22 अगस्त को बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. यह फोरम देश के बैंकिंग सेक्टर की नौ यूनियनों का संघ है.
यूएफबीयू के पश्चिम बंगाल के संयोजक सिद्धार्थ खान ने कहा कि सरकार सुधारों के नाम पर भारतीय बैंकिंग क्षेत्र का निजीकरण और एकीकरण करना चाहती है.सिद्धार्थ खान ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने बैंक बोर्ड ब्योरो का गठन किया है जिसकी बैंकिंग इनवेस्टमेंट कंपनी के दायरे में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक आएंगे. उन्होंने बताया कि इससे सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम हो जाएगी.
वहीं बैंक कर्मचारी यूनियन के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा है कि कई मांगों को लेकर 22 तारीख को एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने के लिए आह्वान किया गया है. उन्होंने कहा कि इस हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी शामिल होंगे. उन्होंने यह भी बताया कि अगर 22 अगस्त की हड़ताल के बाद उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 15 सितंबर को वह एक रैली भी निकालेंगे और अपनी मांगें सरकार के समक्ष रखेंगे.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियंस ने बैंकों के डूबते कर्ज (NPA) के बढ़ते आंकड़े पर भी चिंता जताई और कहा कि सरकारी बैंकों का करीब 6.83 करोड़ रुपए NPA घोषित हो चुका हैं. जो बैंकिंग सेक्टर के लिए चिंता का विषय है.
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