ये हादसा नहीं सरकारी ‘हत्या’ है !
गोरखपुर। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में वार्ड नंबर 100 में 9अगस्त की देर रात से ऑक्सीजन सप्लाई ठप होने से 36 बच्चों ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है मौत का यह सिलसिला रात के 11.30 बजे से शुरू हुआ और सुबह के 9 बजे तक जारी रहा.
जानें अब तक इस हादसे की पूरी कहानी
वहीं गुरूवार रात को लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट में गैस खत्म हो गई. जिसके बाद अस्पताल में हाहाकार मच गया. बेड पर पड़े मासूम बच्चे तड़पने लगे. ऑक्सीजन खत्म होने के बाद अपनों को बचाने के लिए परिजनों के हाथ में जो भी था उन्होंने सब कुछ किया. कोई एंबुबैग पंप करता रहा तो कोई लगातार हाथ के पंखे से ही हवा देने की कोशिश कर रहा था. हालांकि उनकी यह कोशिश नाकाफी साबित हुई.
जैसे ही मासूम बच्चों की मौत की खबर आना शुरू हुई उसके थोड़ी देर बाद ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर राजीव मिश्रा ने अपना फोन बंद कर लिया. प्रिंसिपल मिश्रा का फोन बंद करना ही इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि किस तरह से लापरवाही बरती गई.
बड़ा सवाल है आक्सीजन न मिलने पर बच्चों की सांसें उखड़तीं रहीं.. तड़प-तड़प कर एक-एक कर दम तोड़ते रहे उधर, प्रिंसिपल मिश्रा अपना फोन बंद किए बैठे रहे.
बहरहाल बड़ा सवाल है आखिर एक-दो बच्चों की मौत पर क्यों ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं की गई. 30 बच्चों की मौत का आखिर क्यों करता रहा अस्पताल प्रशासन इंतजार.
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