राजस्थान में किसानों का भयानक आंदोलन, जानिए क्यों बनने जा रहे हैं मंदसौर जैसे हालात ?
सीकर। तस्वीरों दिख रहा यह जनसैलाब कोई मामूली नहीं बल्कि राजस्थान सरकार के खिलाफ किसानों का आंदोलन है. किसानों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल का ऐलान कर दिया है. और जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती आंदोलन को खत्म नहीं करने की बात कही है.
पिछले 10 दिनों से राजस्थान का अन्नदाता तरह-तरह से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जता रहा है. लेकिन गूगी- बहरी बसुंधरा राजे सरकार को इनकी तखलीफ महसूस नही होती. किसान सीएम वसुंधरा राजे की शव यात्रा निकालकर सरकार को कोस रहे हैं. सिर्फ वसुंधरा राजे ही नहीं किसान भारतीय मीडिया की भी शव यात्रा निकालकर उसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
किसान अपनी तमाम मांगो को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. सीकर में तकरीबन 5 लाख किसान फसल का सही दाम मिलने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने सरकार के खिलाफ आर-पार का ऐलान कर दिया है. किसानों ने संपूर्ण कर्जा माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने समेत दूसरी मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं.
सूबे के करीब 14 जिलों में किसानों का यह आंदोलन चल रहा है. हालातों को देखते हुए सरकार ने इन जिलों में धारा 144 लागू करने के आदेश दे दिए हैं. इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी है. तकरीबन 1500 से अधिक पुलिसकर्मी जिलों में तैनात किए गए हैं.
प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. जानकारी के मुताबिक किसानों ने वार्ता करने का न्योता भी ठुकरा दिया है. किसानो का कहना है कि अगर सरकार को वार्ता करनी है तो मंत्रीसमूह सीकर आकर उनसे वार्ता करें.
किसानों के इस महाआंदोलन ने सरकार और सिस्टम को पूरी तरह हिला दिया है. जो किसान धरती का सीना चीरकर फसल उगाता है उसे क्यों सरकार की बेरुखी का सामना करना पड़ता है. आखिर कब गंभीर होगी किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार, आखिर कब मिलेगा किसानों को फसल का उचित दाम.
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