लालू की लोकप्रियता से मोदी-नीतीश गए डर !
By Sayed Shaad
पटना। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में लालू की ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली में कितने लोग आए, इसको लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया से लेकर बीजेपी की आईटी सेल ने अपना सारा दिमाग इसी में लगा दिया है. वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि रैली में 25 लाख से ज्यादा लोग जुटे, तो खुद लालू ने कहा कि रैली में 30 लाख लोगों का जन सैलाब उमड़ा था. तो वहीं नीतीश कुमार के जनता दल- यूनाइटेड ने इस महारैली को फ़्लॉप करार दिया है. लेकिन बड़ा सच ये है कि हाल के सालों में पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होने वाली रैलियों में यह सबसे बड़ी रैली थी.
लालू की लोकप्रियता
पूरा पटना शहर हरे रंग में रंगा नजर आ रहा था. पटना की हर सड़कें महारैली के पोस्टर-बैनरों और कट आउटों से अटा पड़ा था. जितने लोग मैदान में जमा थे, उसी हिसाब से लोग गांधी मैदान के चारों तरफ़ सड़कों पर कतार बनाकर खड़े थे. रेलवे स्टेशन और बस अड्डों के आसपास भी लोग आरजेडी के झंडे-डंडों के साथ दिख रहे थे. वह भी ऐसे समय में जबकि आधा बिहार बाढ़ की चपेट में है. और सबसे कमाल की बात बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोग रैली में शामिल होने के लिए पहुंचे. ये वाकई में लालू का ही कमाल था.
बाढ़ के बावजूद लालू की रैली में जबरदस्त भीड़
कुल मिलाकर यह रैली लालू का शक्ति प्रदर्शन था जिसमें वह पूरी तरह से सफल रहे. एक बार फिर उन्होंने यह साबित किया कि बिहार में जनाधार वाले वह अकेले नेता हैं. साथ ही इस रैली की कामयाबी ने लालू को बड़ी राहत दी होगी कि बिहार में उनके जनाधार में फिलहाल कोई कमी नहीं आई है. आज भी लालू बिहार के लोगों के चहेते नेता हैं.
बीजेपी के लिए बने लालू बड़ा खतरा
साथ ही इस रैली के जरिए लालू ने यह संदेश भी दिया कि वो बीजेपी और उसके नेतृत्व में उभर रही सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ झुकनेवाले नहीं हैं. वहीं इस रैली के बाद एक बात साफ़ हो गई कि लालू की अगुवाई में राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी-संघ विरोधी विपक्षी-गोलबंदी बननी शुरू हो गई है.
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