विश्व मूलनिवासी दिवस पर विशेष, क्यों मनाते हैं मूलनिवासी दिवस ?
By: NIN Bureau
नई दिल्ली। अंतराष्ट्रीय स्तर पर आज विश्व मूलनिवासी दिवस मनाया जाएगा, मूलनिवासी दिवस को लेकर मूलनिवासी संघ औऱ बामसेफ संगठन भी जोर-शोर से मना रहे हैं, माना जाता है कि विश्व मूलनिवासी दिवस देश के उन लोगों के हितों और अधिकारों की सुरक्षा के लिए मनाया जाता है जो इस देश के असली वासी है यानी की मूलनिवासी है।
भारत में तमाम जातियों और वर्णों में बंटे लोग रहते हैं. कहा जाता है कि इस देश के असली मूलनिवासी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग समेत आदिवासी भी है, जिसे बहुजन समाज भी कहते हैं, लेकिन ब्राह्मणवादी सरकारों ने बहुजन समाज को टुकड़ों में बांटने के लिए साजिश के तहत मूलनिवासी दिवस को आदिवासी दिवस बनाने की कोशिश की, जिससे की इनमें आपस में ही टकराव हो जाए और यह आपस में ही बंट जाए !
विज्ञान के अकाट्य प्रमाण DNA test जिसकी रिपोर्ट Times of India में 21 मई 2001 में छपी, जिसके अनुसार SC/ST/OBC और उससे धर्म परिवर्तित अल्पसंख्यक ही भारत के मूलनिवासी है, और ब्राह्मण, क्षञिय, वैश्य यह विदेशी युरेशियन नस्ल के हैं, मतलब विदेशी हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर मूलनिवासियों की समस्याओं को मजबूती के साथ रखने की पूर्व तैयारी के सन्दर्भ में ही बामसेफ के राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मा वामन मेश्राम जी ने 23 जुलाई 2016 को लंदन (इंग्लैंड), 26 जुलाई 2016 को पेरिस (फ्रांस) व 01 अगस्त 2016 को रोम (इटली) में बामसेफ द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनारों का आयोजन किया।
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