योगीराज: अस्पताल बने कब्रगाह, जानिए कैसे हुई फर्रुखाबाद में 49 बच्चों की मौत ?
फर्रुखाबाद। यूपी में सरकारी सेवाओं का क्या हाल है, यह किसी से नहीं छुपा है वो और बात है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बेहतरीन प्रशासन का दावा करते नहीं थकते हों. बीते दिनों सीएम योगी के गृहजनपद में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में तकरीबन 200 बच्चों की मौत हो गई. हालातों को देखते हुए ऐसा लग रहा है मानों यूपी के सरकारी अस्पताल कब्रगाह में तब्दील हो गए।
एक तरफ बच्चों की मौत हो जाती है तो दूसरी सूबे के मुखिया बेतुकी बातें करते हैं, कभी बच्चों की मौत की वजह गंदगी बताते हैं तो कभी बच्चों को सरकार के भरोसे छोड़ देने की बात कहते हैं।
गोरखपुर के बाद अब फरुखाबाद के मेडिकल कॉलेज से ऐसी दहला देने वाली घटना सामने आई. एक सरकारी अस्पताल से 49 बच्चों की मौत होने की खबर सामने आई है। यह घटना शासन-प्रशासन की मजबूत व्यवस्था को समझने के लिए काफी है !
बड़ी संख्या में हुई बच्चों की मौत पर फर्रूखाबाद के जिलाधिकारी सहित दो मेडिकल ऑफिसर का तबादला कर दिया गया है। फर्रूखाबाद के सिटी मजिस्ट्रेट जैनेंद्र कुमार जैन ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्होंने अपनी एफआईआर में कहा, राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी के चलते हुई।
एफआईआर में कहा गया कि जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग बच्चों की मौत पर अपना रुख साफ करें। वहीं प्रमुख सचिव परिवार कल्याण प्रशांत त्रिवेदी, और सूचना सचिव अविनीश अवस्थी ने ऑक्सीजन और दवा की कमी से बच्चों की मौत हो जाने के आरोप को नकार दिया।
फर्रूखाबाद जिला अस्पताल में बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई के सवाल पर त्रिवेदी के कहा जिला प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच समन्वय नहीं है उन्होंने आगे कहा, डीएम, सीएमओ, और सीएमएस का तबादला कर दिया गया है, बच्चों से जुड़ी मौत की रिपोर्ट सीएमओ ने प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को नहीं भेजी।
इस घटना के बाद जिलाधिकारी रवींद्र कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का तबादला कर दिया गया है।
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