Home Social सवर्णों ने तोड़ी अंबेडकर प्रतिमा, दलितों के विरोध करने पर चलाई गोलियां
Social - State - August 6, 2017

सवर्णों ने तोड़ी अंबेडकर प्रतिमा, दलितों के विरोध करने पर चलाई गोलियां

By: NIN Bureau

मेरठ। भारत को संविधान के रूप में सर्वश्रेष्ठ उपहार देने वाले बाबासाहेब भीमराव अम्बेकर केवल भारत में ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं. भारत में दलित उत्पीड़न के खिलाफ जितना संघर्ष बाबासाहेब ने किया है, शायद ही किसी और ने किया हो. दलितों के मसीहा कहे जाने वाले बाबासाहेब सवर्णों को एक आंख नहीं भा रहे हैं. कभी आरक्षण के नाम पर तो कभी बराबरी के नाम पर सवर्ण दलितों का शोषण आज भी कर रहे हैं. सवर्ण दलितों को विकसित नहीं होने दे रहे हैं. बाबासाहेब द्वारा दिए गए संवैधानिक अधिकारों की सवर्ण समाज धज्जियां उड़ा रहा है.

भारत के हर क्षेत्र से आए दिन दलितों के साथ अत्याचार होने की खबर आती रहती है. मेरठ के मवाना खुर्द से भी कुछ ऐसी ही खबर आई है. कुछ सवर्ण समाज के लोगों ने बाबासाहेब की मूर्ति को तोड़ दिया. जिसके बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल फैल गया है.

मवाना खुर्द के निवासी कपिल कुमार ने पुलिस थाना में हनी, सेट्टी, गोलू, विवेक, अश्वनी, साकेत, मोहित, बूंदी आदि त्यागी समुदाय से आने वाले इन सभी लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. इन सभी लोगों पर आरोप है कि इन्होंने बाबासाहेब की मूर्ति तोड़ी है और दलितों के साथ मारपीट की है. सवर्ण जब मूर्ति तोड़ रहे थे तो दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले श्यामू, गोविंद और बूंदी ने इन्हें रोकने का प्रयास किया. लेकिन सवर्णों ने दलितों और बाबासाहेब को अपशब्द कह कर लड़कों को मारना-पीटना शुरू कर दिया.

 

जब पुलिस आई तो सवर्ण जाति के लड़के वहां से भाग गए. पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए बाबासाहेब की दूसरी मूर्ति स्थापित करने के लिए कहा. जब दलित समुदाय के लड़के मूर्ति लेने के लिए हस्तिनापुर जाने लगे तो सवर्ण लड़कों ने उनका पीछा किया और सुनसान जगह पर पहुंचने पर उनपर गोलियां चलाने लगे. दलित समाज के लड़कों को अपनी मोटरसाइकिल रास्ते में छोड़कर खेतों में भागना पड़ा. लेकिन सवर्ण लड़कों ने उनकी मोटरसाइकिल को बुरी तरह से तोड़ दिया. यह घटना 4 अगस्त की है.

इतना कुछ होने पर भी राज्य सरकार हो केंद्र सरकार चुप है. याद करे ये वही मोदी सरकार है जो बाबासाहेब को अपना आदर्श मानने का दावा करते हैं लेकिन दलितों पर अत्याचार और बाबा साहेब के अपमान पर खामोश रहती है. खुद को दलित हितेषी सरकार भाजपा हमेशा दलित उत्पीड़न पर चुप्पी साधे रहती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

Remembering Maulana Azad and his death anniversary

Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…