सृजन घोटाला बना मौत का कुआं, जानिए क्यों हुई नवीन की मौत ?
भागलपुर। बिहार में सृजन घोटाला भी मध्यप्रदेश व्यापंम घोटाले की तरह बनता जा रहा है, 700 करोड़ के इस घोटाले की जांच चल रही है, इसी बीच घोटाले से जुड़े एक शख्स की मौत की खबर सामने आई है। मृतक सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव रही मनोरहमा देवी औऱ पूर्व भाजपा नेता विपिन शर्मा का खास बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि मृतक नवीन मनोरमा और विपिन शर्मा के कई राज जानता था।
खबरों के मुताबिक, 20 दिन पूर्व हाजीपुर के रहने वाले नवीन को दिल का दौरा पड़ने के बाद भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। घोटाला उजागर होने के बाद नवीन के साथ काम करने वाले दीपक और प्रशांत अंडरग्राउंड हो गए हैं। घोटाले की जांच में जुटी पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सृजन से जुड़े लोगों का कहना है कि नवीन शुरु से मनोरमा देवी के साथ रहता था. औऱ उसे मनोरमा और विपिन शर्मा की हर गतिविधी की जानकारी रहती थी, नवीन को इस बात की भी जानकारी रहती थी कि कौन सा चेक कहां से आया औऱ कहां जमा करना है, किसे कितने रुपये देने है किसका कितना बकाया है?
कहा जा रहा है विपिन शर्मा, मनोरमा के करीब आ जाने के बाद नवीन विपिन का भी खास बन गया था। नवीन का करीबी था दीपक और दीपक का करीबी था प्रशांत। इन तीनों के पास घोटाले की सारी जानकारी थी, दीपक और प्रशांत के पास हर वक्त लैपटॉप रहता था। इस लैपटॉप में घोटाले से जुड़ी सारी जानकारी इकट्ठा थी। कहा जा रहा है कि कारोबार के दौरान मनोरमा औऱ विपिन शर्मा के सकंट के वक्त में नवीन ही उन्हें उबारने का काम करता था। मनोरमा की मौत के बाद नवीन टूट गया था। कहा जा रहा है कि फऱवरी में मनोरमा की मौत के बाद नवीन को यह एहसास हो गया था कि सृजन का यह कारोबार अब ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है. नवीन उस वक्त मुश्किल में पड़ गया जब उसे मालूम हुआ कि विपिन शर्मा बैंक का पैसा नहीं दे रहा है, जिसके फिक्र के चलते नवीन बीमार पड़ गया।
नवीन को यह एहसास हो गया था कि अब घोटाला उजागर हो जाएगा। अचानक उसे दिल का दौरा पड़ गया। परिवार वालों औऱ सृजन सहयोगियों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। नवीन की मौत के कुछ दिन बाद ही सृजन घोटाला उजागर हो गया।
बता दें कि इससे पहले आरोपी महेश मंडल की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई। वे किडनी और कैंसर की बीमारी का इलाज करा रहे थे। महेश की गिरफ्तारी एक सप्ताह पहले भागलपुर से हुई थी, हालांकि गिरफ्तारी के बाद भी उनका इलाज एक अस्पताल में चल रहा था। परिवारवालों का आरोप है कि महेश की मौत जेल और पुलिस की लापरवाही की वजह से हुई थी।
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