सोशल मीडिया पर धमकी देने वालों की दिलीप मंडल ने लगाई क्लास, जानें क्या कहा ?
नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी देने वालों को करारा जवाब दिया है. दिलीप मंडल अपने फेसबुक पेज पर लिखते हैं, ”बाबा राम रहीम का पर्दाफ़ाश करने वाले रामचंद्र क्षत्रपति हों, या अमेरिकी डिफ़ेंस स्टैबलिशमेंट को हिला देने वाले जूलियन असांज या संघ से वैचारिक लड़ाई लड़ने वाली गौरी लंकेश या लघु पत्रिकाओं और सोशल मीडिया में सक्रिय लाखों पत्रकार। ख़तरनाक सच बोलने और इसके लिए जान का जोखिम उठाने वालों में कॉरपोरेट अख़बारों, पत्रिकाओं और चैनलों वाला कोई नहीं। यह ग्लोबल ट्रैंड है।
दिल्ली के किसी पत्रकार या संपादक या एंकर का ख़बर लिखने या दिखाने के कारण पिछले 70 साल में कुछ नहीं बिगड़ा है। नहीं बिगड़ेगा। ज़्यादा टेंशन न लें। हद से हद प्रमोशन रुकेगा। सबसे बुरी स्थिति में नौकरी जाएगी। अगली सरकार में मिल जाएगी। बस।
हमारे जैसे लोग पचासों आईएएस, आईपीएस, वक़ील को जानते हैं, हर पार्टी में लोगों से पहचान है, हमारी क्रांतिकारिता बेहद नक़ली है। बेशक, हम डरने का नाटक करते हैं। ज़रूरत पड़ने पर हम सिक्योरिटी ले लेंगे। कई के पास है।
डर हमारे लिए एक कमोडिटी है। उसे बेचा जा सकता है।
हम अपनी इस इमेज को बेच सकते हैं कि देखो कितना रिस्क लेकर ख़बर बता रहे हैं। दरअसल ऐसा कोई रिस्क होता नहीं है।
हमें कोई गाली भी दे दे, तो सहानुभूति में सैकड़ों स्वर आ जाते हैं।
असली पत्रकारिता कॉरपोरेट जगत के बाहर हो रही है। या फिर जिलों में।
लगभग हर ब्रेकिंग न्यूज सबसे पहले किसी क़स्बे में किसी अखबार या पत्रिका में छप रही है। कोई लोकल रिपोर्टर छाप रहा है। किसी के फेसबुक वाल पर नज़र आ रही है।
दिल्ली के बड़े पत्रकार बाद में नाम लूट लेते हैं।
कस्बाई पत्रकारों को तो यह भी नहीं मालूम कि भारत में पत्रकारिता के हर पुरस्कार के लिए अप्लिकेशन करना पड़ता है। फ़ॉर्म निकलता है। कई बार लॉबिंग चलती है। जाति तो हमेशा चलती है।
इसलिए हमें धमकी मत दो।
हम तुम्हारी धमकी की पैकेजिंग करके इतना महँगा बेच देंगे कि तुम अफ़सोस से मर जाओगे।
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…